सिक्योरिटी कैमरों में कितना जरूरी है AI, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और नुकसान

AI in CCTV Surveillance: एआई सिक्योरिटी कैमरे या एआई वीडियो सर्विलान्स सिस्टम में सिक्योटी स्टाफ के लिए 24/7 निगरानी रखना आसान हो जाता है, उन्हें पूरे परिसर पर निगरानी रखने के लिए चौबीसों घण्टे मॉनिटर से चिपके रहने की ज़रूरत नहीं होती। एआई लाइव फुटेज का विश्लेषण कर किसी भी असामान्य गतिविधि को पहचान लेता है।

AI CCTV Surveillance (Image-istock)

AI CCTV Surveillance (Image-istock)

AI in CCTV Surveillance: एआई सिक्योरिटी कैमरे, जिन्हें स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम भी कहा जाता है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से सुरक्षा को और मजबूत बना सकते हैं। ये कैमरे वीडियो फीड को समझकर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की पहचान कर सकते हैं और तुरंत अलर्ट भेज सकते हैं। यह तकनीक इंसानों की तरह सोचने और निर्णय लेने में सक्षम है, जिससे सुरक्षा प्रणाली अधिक भरोसेमंद और प्रभावी बन सकती है। इसको लेकर टेनॉन ग्रुप के ग्लोबल चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर, अनुज राजेन ने कुछ सुझाव दिए हैं। चलिए जानते हैं कि आज के समय में सिक्योरिटी कैमरों में एआई कितना जरूरी है।

वीडियो सर्विलान्स सिस्टम में आधुनिक एआई पावर्ड समाधानों को शामिल करने से सिक्योटी स्टाफ के लिए 24/7 निगरानी रखना आसान हो जाता है, उन्हें पूरे परिसर पर निगरानी रखने के लिए चौबीसों घण्टे मॉनिटर से चिपके रहने की ज़रूरत नहीं होती। एआई ऑटोमेटिक तरीके से खतरे की पहचान कर लेता है, फॉल्स अलार्म को फिल्टर करता है और ऑपरेटर को तभी नोटिफाय करता है, जब वास्तव में खतरा हो। ताकि ऑपरेटर वास्तविक खतरे को पहचान कर तुरंत एक्शन ले सके। इस तरह का एआई-पावर्ड सिस्टम दिन-रात काम करता है, यह दूर से भी चीज़ों को डिटेक्ट कर लेता है तथा एक सैकण्ड से भी बहुत कम समय में बड़ी मात्रा में वीडियो फीड को प्रोसेस कर रियल टाईम में इम्प्लीमेंटेशन देता है। इस तरह वीडियो सर्विलान्स सिस्टम में आधुनिक एनालिटिक्स शामिल होने से सिक्योरिटी स्टाफ को रियल टाईम में तेज़ी से और बेहतर डेटा मिलता है और वे सोच-समझ कर जल्द से जल्द सही फैसला ले सकते हैं।

प्रेसीजन ऑब्जेक्ट्स एवं फेस रिकॉग्निशन- यानी वस्तुओं और चेहरे की पहचान-एआई पावर्ड सीसीटीवी कैमरा चेहरे, वस्तुओं और यहां तक कि लाइसेंस प्लेट्स को भी सटीकता से पहचान लेता है। ऐसे में ये सिस्टम किसी भी संदिग्ध, अनधिकृत व्यक्ति को पहचान लेते हैं और हाई-सिक्योरिटी एरिया में एक्सेस कंट्रोल को बेहतर बनाते हैं।

प्रोएक्टिव बिहेवियर एनालिसिस यानी व्यवहार का विश्लेषण- एआई लाइव फुटेज का विश्लेषण कर किसी भी असामान्य गतिविधि को पहचान लेता है। जैसे किसी व्यक्ति का अनधिकृत प्रवेश या एक्सेस, या किसी तरह की उग्र गतिविधियां- इस तरह भावी खतरे को पहचान कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सकती है।

इंटेलीजेन्ट ऑटोमेटेड एलर्ट-आमतौर पर सीसीटीवी सिटम मैनुअल मॉनिटरिंग पर निर्भर करते हैं, लेकिन एआई इनेबल्ड कैमरा किसी भी विशेष गतिविधि के लिए तुरंत एलर्ट जनरेट करता है। इस तरह एमरजेन्सी, संदिग्ध गतिविधि या सुरक्षा में किसी तरह के खतरे के मामले में तेज़ी से एक्शन लिया जा सकता है।

अडवान्स्ड क्राउड मैनेजमेन्ट- यानि सार्वजनिक क्षेत्रों में भीड़ का प्रबन्धन- एआई, भीड़ भाड़ के मामले में मुवमेन्ट के पैटर्न को समझ लेता है, यह ऐसे क्षेत्रों से निकास एवं यातायात के प्रबन्धन को भी बेहतर बनाने में कारगर है।

टाइम सेविंग वीडियो समराइजे़शन- यानि कम समय में वीडियो का विश्लेषण- एआई टूल्स घटों के फुटेज को कम समय में समराइज़ कर देते हैं, तथा जांच एवं समीक्षा को आसान बनाते हैं।

भविष्य में और भी स्मार्ट होगा एआई सिक्योरिटी सिस्टम

डीसेंट्रलाइज्ड ऐज कम्प्युटिंगः एआई कैमरा ऐज कम्प्यूटिंग क्षमता के साथ डेटा को स्थानीय रूप से प्रोसेस कर सकेंगे जिससे लेटेंसी की संभावना कम होगी और रियल टाईम रूझान मिलेंगे।

आईओटी इंटीग्रेशन होगा आसानः एआई पावर्ड सीसीटीवी सिस्टम के साथ अन्य स्मार्ट डिवाइसेज़ को इंटीग्रेट किया जा सकेगा, जिससे घरों, कारोबारों और स्मार्ट सिटीज की सुरक्षा और पुख़्ता हो सकेगी।

सर्विलान्स के समाधान बनेंगे एथिकलः आज के दौर में प्राइवेसी की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए आने वाले समय में उद्योग एआई को अपनाएंगे, इससे उन्हें सुरक्षा के साथ प्राइवेसी बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

एआई के अनुकूलित मॉडलः उद्योग जगत की ज़रूरत के अनुसार एआई समाधानों को अपनाने से सेक्टरों में दक्षता बढ़ेगी। रीटेल से लेकर हेल्थकेयर और लॉजिस्टिक्स से लेकर शिक्षा तक हर सेक्टर में कस्टमाइजे़शन को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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