Google ने इजराइल प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले 20 कर्मचारियों को निकाला, पहले गई थी 28 की नौकरी
Google Fires Workers Over Protests: Google के एक प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने 16 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शनों की जांच की थी और ऐसे कई कर्मचारी पाए गए जिन्होंने न्यूयॉर्क और सनीवेल, कैलिफोर्निया में कंपनी के कार्यालयों में धरने में भाग लिया था।
Google fires workers over protests
Google Fires Workers Over Protests: टेक कंपनी गूगल ने इजरायल के साथ कंपनी के क्लाउड कंप्यूटिंग सौदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर अपने 20 और कर्मचारियों को निकाल दिया है। इससे पहले इसी मामले में 28 कर्मचारियों को निकाला गया था। कर्मचारियों के समूह का कहना है कि इस मामले में गूगल अबतक 50 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुकी है। बता दें कि इस तरह से विरोध प्रदर्शन को लेकर कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई थी।
50 से ज्यादा कर्मचारियों की गई नौकरी
कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक कार्यकर्ता समूह ने कहा कि इस मामले में अब तक पिछले सप्ताह से निकाले गए कर्मचारियों की कुल संख्या अब 50 हो गई है। Google के एक प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने 16 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शनों की जांच की थी और ऐसे कई कर्मचारी पाए गए जिन्होंने न्यूयॉर्क और सनीवेल, कैलिफोर्निया में कंपनी के कार्यालयों में धरने में भाग लिया था।
क्लाउड कंप्यूटिंग और AI सर्विस
यह ‘प्रोजेक्ट निंबस’ पर केंद्रित गूगल में आंतरिक उथल-पुथल का नवीनतम संकेत है। इजराइली सरकार को क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्विस प्रदान करने के उद्देश्य से गूगल और अमेजन के लिए इस परियोजना पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे। गाजा में जारी युद्ध के बीच गूगल के न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में सनीवेल स्थित कार्यालयों पर कर्मचारियों ने पिछले सप्ताह धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद कंपनी को पुलिस को भी बुलाया पड़ा था, जिसने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तारी हुई थी।
गूगल ने बताया कंपनी से निकालने का कारण
विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह ने कहा कि कंपनी ने पिछले सप्ताह 30 कर्मचारियों को निकाला था। समूह यह मांग कर रहा है कि ‘रंगभेद करने वालों को कोई टेक्नोलॉजी’ नहीं दी जाए। समूह के सदस्य जेन चुंग ने कहा, “इसके बाद मंगलवार को गूगल ने लगभग 20 और कर्मचारियों को निकाल दिया।” कंपनी ने समूह के दावों का खंडन करते हुए कहा कि जिन लोगों को निकाला गया है उनमें से प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से और निश्चित रूप से हमारी इमारतों के अंदर विघटनकारी गतिविधियों में शामिल था।
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पिचाई ने लगाई थी क्लास
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने विरोध प्रदर्शन पर कर्मचारियों को स्पष्ट मैसेज भेजा था। उन्होंने कर्मचारियों को कहा था कि गूगल में जीवंत, खुली चर्चा की संस्कृति है, जो हमें अद्भुत प्रोडक्ट बनाने और महान विचारों को एक्शन में बदलने में सक्षम बनाती है। इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने कहा कि "आखिरकार हम एक कार्यस्थल हैं और हमारी नीतियां और अपेक्षाएं स्पष्ट हैं। यहां इस तरह से कार्य करने की कोई जगह नहीं है जो सहकर्मियों को परेशान करता है या उन्हें असुरक्षित महसूस कराता है। यह कोई व्यक्तिगत प्लेटफार्म नहीं है, जहां राजनीति पर बहस की जाए।
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