Google Action on Indian Apps: Google का बड़ा एक्शन, शादी डॉट कॉम, ALT बालाजी जैसे कई ऐप को हटाया, IT मंत्री नाराज, जानें क्या है विवाद
Google Delisting Indian App: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐप्स की डी-लिस्टिंग की अनुमति नहीं देगी और इस कार्रवाई के जवाब में टेक दिग्गज के साथ बैठक बुलाई है।
गूगल ने क्यों हटाए भारतीय ऐप्स?
यह कार्रवाई इंटरनेट दिग्गज गूगल और कुछ भारतीय ऐप डेवलपर्स के बीच खटास के बीच की गई है। इन डेवलपर्स ने इन-ऐप पेमेंट पर 11-26 प्रतिशत कमीशन चार्ज करने की गूगल बिलिंग पॉलिसी का विरोध किया है। लेकिन इन कंपनियों को मद्रास उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय से भी राहत नहीं मिली। जिसके बाद अब गूगल ने कार्रवाई करते हुए अपने ऐप स्टोर से इन डेवलपर्स के ऐप हटाना शुरू कर दिया है।
गूगल की कार्रवाई पर सरकार ने जताई नाराजगीकेंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐप्स की डी-लिस्टिंग की अनुमति नहीं देगी और इस कार्रवाई के जवाब में टेक दिग्गज के साथ बैठक बुलाई है। पीटीआई के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सरकार गूगल द्वारा प्ले स्टोर से कुछ ऐप्स को डी-लिस्ट करने पर कड़ा रुख अपना रही है और वह ऐप्स को डी-लिस्ट करने की अनुमति नहीं देगी।"
भारतीय डेवलपर्स ने बताया, 'काला दिन'
भारत मैट्रिमोनी के संस्थापक मुरुगावेल जानकीरमन ने इसे देश के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए "काला दिन" कहा, जबकि KukuFM के संस्थापक ने गूगल को "दुनिया की सबसे दुष्ट कंपनी" कहा।
इंफो एज (इंडिया) लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि उसके मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इनमें नौकरी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम और शिक्षा डॉट कॉम शामिल हैं। इससे एक दिन पहले गूगल ने सेवा शुल्क भुगतान पर विवाद को लेकर भारत में अपने प्ले स्टोर से कुछ लोकप्रिय ऐप सहित अन्य ऐप को हटाना शुरू कर दिया था।
शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा गया है कि यह कार्रवाई कंपनी के लिए आश्चर्य की बात है क्योंकि गूगल ने उचित नोटिस दिए बिना ऐसा किया। इंफो एज ने कहा कि जिन यूजर्स के मोबाइल डिवाइस पर पहले से ही उसके मोबाइल ऐप डाउनलोड हैं, वे इनका उपयोग जारी रख सकते हैं। इसके अलावा अन्य प्लेटफार्म (जैसे एप्पल ऐप स्टोर) के जरिए ऐप का उपयोग करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इंफो एज ने बताया कि वह इस संबंध में गूगल के साथ काम कर रही है, ताकि कंपनी के मोबाइल ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।
Delisting पर गूगल का क्या कहना है?गूगल ने कहा था कि कई जानी-मानी फर्म्स सहित देश की 10 कंपनियों ने प्ले स्टोर से लाभ होने के बावजूद शुल्क का भुगतान नहीं किया है। सर्च दिग्गज गूगल का कहना है कि उसके पास अपने एप स्टोर गूगल प्ले का उपयोग करने वाले 200,000 से अधिक भारतीय डेवलपर्स हैं जो उनकी नीतियों का पालन करते हैं और इन 10 कंपनियों ने सर्विस के लिए भुगतान नहीं करने का विकल्प चुना है। अब कंपनी अपनी ऐप स्टोर बिलिंग नीतियों को लागू करना शुरू करने जा रही है, जिसका मतलब होगा कि गैर-अनुपालन वाले ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया जा सकता है।
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विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें
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