10 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा सकता है Google! सेवा शुल्क नहीं देने पर दी चेतावनी
Google Play Store: गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इन डेवलपर्स को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद के तीन सप्ताह भी शामिल हैं। अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सर्च दिग्गज गूगल का कहना है कि उसके पास अपने एप स्टोर गूगल प्ले का उपयोग करने वाले 200,000 से अधिक भारतीय डेवलपर्स हैं जो उनकी नीतियों का पालन करते हैं और इन 10 कंपनियों ने सर्विस के लिए भुगतान नहीं करने का विकल्प चुना है। अब कंपनी अपनी ऐप स्टोर बिलिंग नीतियों को लागू करना शुरू करने जा रही है, जिसका मतलब होगा कि गैर-अनुपालन वाले ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया जा सकता है।
दिया था तीन साल का समय
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "इन डेवलपर्स को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद के तीन सप्ताह भी शामिल हैं। हमारी नीतियां पूरे इको सिस्टम में लगातार लागू हों, जैसा कि हम ग्लोबल स्तर पर किसी भी प्रकार के नीति उल्लंघन के लिए करते हैं। अब हम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली मदद
बता दें कि 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने गूगल को अपने ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से "डिलिस्टिंग" करने से रोकने से इनकार कर दिया था। यानी डेवलपर्स अमेरिकी तकनीकी प्रमुख की बिलिंग नीति से सहमत नहीं हैं तो यह आदेश Google Play Store से उनके ऐप्स को हटाने का रास्ता बना देगा। अब मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि लगभग 30 कंपनियों ने गूगल को पत्र लिखकर एसएलपी पर सुनवाई होने तक डीलिस्ट न किए जाने का अनुरोध किया है।
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