शादी डॉट कॉम का Dowry Calculator बना गले की फांस! सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, जानें मामला

Dowry Calculator On Shadi.com: इस फीचर को लेकर अब सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है। शादी डॉट कॉम के दहेज कैलकुलेटर वाले वेबसाइट पेज पर जाते ही आपको "आप कितने दहेज के लायक हैं?" दिखाई देता है। एक बार जब आप 'दहेज राशि की गणना करें' बटन पर क्लिक करते हैं, तो यह आपसे उम्र, नाम, मासिक वेतन आदि जैसे बुनियादी जानकारी मांगता है।

Dowry Calculator

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Dowry Calculator On Shadi.com: शार्क टैंक इंडिया के जज अनुपम मित्तल के नेतृत्व वाली शादी डॉट कॉम नए विवाद में फंस गई है। कंपनी ने नया इनोवेटिव फीचर पेश किया है जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। दरअसल, कंपनी ने एक नया फीचर दहेज कैलकुलेटर (Dowry Calculator) पेश किया है, जहां शादी करने के इच्छुक लोग यह जांच सकते हैं कि उन्हें कितना दहेज देना या लेना है। अब इस फीचर को लेकर नेटिजेंस में जंग छिड़ गई है। चलिए जानते हैं क्या है यह फीचर और क्यों इस पर उठ रहे सवाल।

"आप कितने दहेज के लायक हैं?"

शादी डॉट कॉम के दहेज कैलकुलेटर वाले वेबसाइट पेज पर जाते ही आपको "आप कितने दहेज के लायक हैं?" दिखाई देता है। एक बार जब आप 'दहेज राशि की गणना करें' बटन पर क्लिक करते हैं, तो यह आपसे उम्र, नाम, मासिक वेतन आदि जैसे बुनियादी जानकारी मांगता है।
हालांकि, सभी जानकारी देने के बाद दहेज राशि प्रदान करने के बजाय, पेज आपको कुछ स्पष्ट आंकड़ों दिखाता है। यह भारत में दहेज की वास्तविकता और 2001-2012 के बीच दहेज के कारण 91,202 मौतों के आंकड़े दिखाता है। यानी नया फीचर एक सामाजिक मैसेज है। इसमें यूजर्स से यह भी पूछा गया है, "क्या उसके जीवन की यह कीमत है? आइए भारत को दहेज मुक्त समाज बनाएं। बदलाव लाएं। बदलाव लाएं।"

सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा विवाद?

इस फीचर को लेकर अब सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है। एक्स पर द कैंसर डॉक्टर नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "शुरुआत में https://Shaadi.com में दहेज कैलकुलेटर देखकर चौंक गया। साइट का एक सेगमेंट दिखाता है कि 'दहेज' के लिए उनकी कितनी कीमत है। हालांकि, दहेज की कीमत दिखाने के बजाय यह 'कैलकुलेटर' भारत में दहेज से होने वाली मौतों के आँकड़े दिखाता है।"
यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और कई नेटिजन्स ने तुरंत कमेंट किए। एक यूजर ने लिखा, "यह सराहनीय है!" जबकि दूसरे ने कहा, "यह मेरी कल्पना से भी बेहतर निकला।" वहीं एक यूजर ने लिखा, "यह देखकर शर्म आती है कि लोग अभी भी किसी न किसी रूप में दहेज ले रहे हैं! मेरे और मेरे पति के परिवार में हमारे परदादा के समय में भी दहेज की कोई बात नहीं हुई थी! तभी से ही सभी महिलाएं शिक्षित हैं!"
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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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