India Digital Fest: इंसानियत बनाम AI, क्या है खतरा और क्या है भविष्य? जानिए विशेषज्ञों की राय

India Digital Fest: टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एमके आनंद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुद्दे पर लेखक और भविष्यवादी गर्ड लिओनार्ड, सर्वाइविंग एआई के लेखक कैलम चेस और नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय से आईडीएफ में बात की। इस दौरान इसके भविष्य और संभावित खतरों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

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तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

India Digital Fest: टाइम्स नेटवर्क के इंडिया डिजिटल फेस्ट (IDF) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कई विशेषज्ञों से बात हुई। इस दौरान इसका भविष्य, इंसानियत पर प्रभाव और फायदे को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एमके आनंद ने इस मुद्दे पर लेखक और भविष्यवादी गर्ड लिओनार्ड, सर्वाइविंग एआई के लेखक कैलम चेस और नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय से आईडीएफ में बात की।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैलम चेस ने क्या कहाआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ कैलम चेस ने आईडीएफ में एम.के आनंद से बात करते हुए कहा कि तकनीक की क्षमता के बारे में जाने बिना उससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह अच्छा नहीं है कि लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रगति से डरे और नौकरी खोने की आशंका से घबराते रहें। ऐसा करने की जरूरत नहीं है।

'घबराने की जरूरत नहीं'

उन्होंने कहा- "चैट GPT और GPT-4 के बारे में बहुत चर्चा है। मेरे लिए, यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण चीज है जो दुनिया में हो रही है। AI अधिक से अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जिस तीव्र गति से एआई विकसित हो रहा है, इस वजह से उस पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। लोग अभी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह किस दिशा में जा रहा है। मुझे लगता है कि इस तरह की सोच अच्छी नहीं है।

लेखक और भविष्यवादी- गर्ड लिओनार्ड ने क्या कहा

एमके आनंद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुद्दे पर बात करते हुए लेखक और भविष्यवादी गर्ड लिओनार्ड ने उनकी बातों पर सहमति जताते हुए कहा कि एआई एक मशीन और इसका एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आगे लिनोनार्ड ने जोर देकर कहा कि यह सोचने का सही समय है कि हम भविष्य में तकनीक और जेनेटिक इंजीनियरिंग के इस्तेमाल से कैसी दुनिया का निर्माण करेंगे । उन्होंने कहा कि एआई का अनियंत्रित विकास एक चिंता का विषय है। जिस पर पूरे विश्व को ध्यान देने की आवश्यकता है। मनुष्यों को मशीनों से बदलने का कारोबार एक बहुत बड़ा बिजनेस है। हमें केवल आगे बढ़ने और पैसा बनाने के प्रलोभन का भी विरोध करना चाहिए।

नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय ने क्या कहा

नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय ने भारत के संदर्भ में इस पर बात करते हुए कहा कि AI कोई आज नहीं आया है, यह 1950 से है। हमने 2018 में ही इसे लेकर अपनी नीति सबके सामने रख दी थी। भारत का तकनीकी क्षेत्र में अपना मॉडल है। यह पहली बार है कि भारत अपना रास्ता खुद बना रहा है। AI भारत के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि के लिए क्या कर सकता है, इसके संदर्भ में महत्वपूर्ण है। जब हम कहते हैं कि एआई शहरीकरण और परिवहन के लिए है तो यह ड्राइवरलेस कारों के बारे में नहीं है, बल्कि यह संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के बारे में है। भारत ने सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे के इस नए शासन मॉडल का प्रस्ताव दिया है जो भारत द्वारा जी-20 अध्यक्षता में सूचीबद्ध आठ प्राथमिकताओं का हिस्सा भी है।

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