AI In India: दक्षिण एशिया में AI क्रांति का अगुवा बनेगा भारत, रिपोर्ट में दावा

AI adoption In India: रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स स्वास्थ्य सेवा को अधिक कुशल बना सकता है, जिससे रेडियोलॉजी में डायग्नोस्टिक रिपोर्टिंग समय 46 प्रतिशत कम हो सकता है। एआई-संचालित समाधानों ने मैमोग्राफी की लागत में 66 प्रतिशत की कटौती करने में भी मदद की है और ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के निदान को काफी अधिक किफायती बना दिया है।

AI adoption In India

AI adoption In India: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अपनाने को लेकर 'दक्षिण एशिया' में 'भारत' तेजी से एक लीडर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। देश में उभरती हुई टेक्नोलॉजी के साथ 1.2 मिलियन प्रोफेशनल का एक बड़ा टैलेंट पूल मौजूद है। यह जानकारी गुरुवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट के अनुसार, एआई अब उभरता ट्रेंड नहीं है। यह भारत के एग्रीकल्चर और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए गेम-चेंजर है। हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एआई में चिकित्सा तक पहुंच और अफोर्डेबिलिटी के बीच का अंतर पाटने की क्षमता है। भारत में डॉक्टरों की कमी है, डॉक्टर-टू-पेशेंट अनुपात 1:900 है, और गैर-संचारी रोग (एनसीडी) देश में 66 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स स्वास्थ्य सेवा को अधिक कुशल बना सकता है, जिससे रेडियोलॉजी में डायग्नोस्टिक रिपोर्टिंग समय 46 प्रतिशत कम हो सकता है। एआई-संचालित समाधानों ने मैमोग्राफी की लागत में 66 प्रतिशत की कटौती करने में भी मदद की है और ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के निदान को काफी अधिक किफायती बना दिया है।

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