2025 में ग्लोबल बायोटेक्नोलॉजी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा भारत : जितेंद्र सिंह
Global Biotechnology Revolution: विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "भारत केवल जैव-प्रौद्योगिकी में अग्रणी नहीं है, बल्कि अब यह वैश्विक जैव-क्रांति के केंद्र में है। यह नवाचार को बढ़ावा देगा, रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।"
Global Biotechnology Revolution
Global Biotechnology Revolution: भारत साल 2025 में ग्लोबल बायोटेक्नोलॉजी क्रांति में अहम भूमिका निभाने जा रहा है। इसके लिए पहली बायो-ई3 नीति ने रास्ता खोल दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को यह बात कही। बायो-ई3 नीति भारत के जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है। यह नीति देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यावरण को सुधारने में अहम भूमिका निभाएगी।
ये भी पढ़ें: कैसे दुनिया की सबसे बड़ी TV बन जाती है बुर्ज खलीफा, दिमाग घुमा देगी टेक्नोलॉजी
डॉ. सिंह ने दूरदर्शन न्यूज के साथ बातचीत में बताया कि भारत ने जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है और अब यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर भारत के नेतृत्व को मजबूत कर रहा है। भारत का बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र 2014 में $10 बिलियन का था, जो 2024 में $130 बिलियन से अधिक हो गया है। उम्मीद है कि यह 2030 तक $300 बिलियन तक पहुंच जाएगा।
डॉ. सिंह ने कहा, "भारत केवल जैव-प्रौद्योगिकी में अग्रणी नहीं है, बल्कि अब यह वैश्विक जैव-क्रांति के केंद्र में है। यह नवाचार को बढ़ावा देगा, रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि जैव-प्रौद्योगिकी भारत के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, खासकर जब देश नवाचार, तकनीकी समाधानों और स्टार्टअप्स को अपनाने पर जोर दे रहा है।
डॉ. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा इनोवेशन और तकनीकी प्रगति को प्राथमिकता देती रही है। इसी के चलते भारत आज जैव-प्रौद्योगिकी की वैश्विक शक्ति बन चुका है। भारत वर्तमान में वैश्विक वैक्सीन उत्पादन का 60 प्रतिशत हिस्सा बनाता है और अमेरिका के बाहर सबसे ज्यादा यूएसएफडीए-प्रमाणित निर्माण संयंत्रों वाला देश है।
डॉ. सिंह ने भारत में चल रही "जैव-क्रांति" की तुलना पश्चिम की आईटी क्रांति से की। उन्होंने कहा कि देश के समृद्ध प्राकृतिक संसाधन और जैव-विविधता इसके जैव-प्रौद्योगिकी सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स की भी तारीफ की, जो जैव-प्रौद्योगिकी का उपयोग करके गैर-मानव दूध और अन्य टिकाऊ उत्पादों जैसे अनोखे समाधान तैयार कर रहे हैं।
डॉ. सिंह ने "डीप सी मिशन" और "अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ)" जैसे प्रयासों की भी चर्चा की। एनआरएफ में 60 प्रतिशत योगदान निजी क्षेत्र से आएगा और यह इनोवेशन को और तेज करेगा। 2024 में, भारतीय सरकार ने जैव-प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पहले ही 1,000 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं।
इनपुट-आईएएनएस
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। टेक एंड गैजेट्स (Tech-gadgets News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें
Gaming World: गेमिंग में आएगी क्रांति, रियामी ने मिलाया क्राफ्टन से हाथ
देश में बढ़ रही AI और ML जॉब की मांग, 9 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां
क्या है Pig Butchering Scam? जो फेसबुक-व्हाट्सएप-टेलीग्राम यूजर्स को लगा रहा चूना, सरकार ने किया अलर्ट
Airtel के 3 महीने वाले टॉप-5 रिचार्ज प्लान, मिलेंगे फायदे ही फायदे!
2025 की पहली Flipkart सेल में भारी डिस्काउंट, सस्ते मिल रहे Samsung और iPhone
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited