रैंसमवेयर अटैक के लिए सबसे बड़ा टारगेट बनी भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, रिपोर्ट में खुलासा

Ransomware Attack On Indian Manufacturing Sector: विश्व स्तर पर साल 2022-2023 तक मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक में साल-दर-साल 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ।

Ransomware Attack

Ransomware Attack On Indian Manufacturing Sector: भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में 2023 में सबसे ज्यादा रैंसमवेयर के हमले देखे गए। एक ग्लोबल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पालो ऑल्टो नेटवर्क की यूनिट 42 की रिपोर्ट 250 से अधिक संगठनों और 600 से अधिक घटनाओं के डेटा पर आधारित है। इसने लीक साइटों के प्लेटफार्म से 3,998 पोस्ट की जांच की, जहां धमकी देने वाले सार्वजनिक रूप से पीड़ितों को फिरौती देने के लिए मजबूर करने के साधन के रूप में विभिन्न रैंसमवेयर ग्रुप से चुराए गए डेटा का खुलासा किया।

मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक

विश्व स्तर पर साल 2022-2023 तक मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक में साल-दर-साल 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ। पालो अल्टो नेटवर्क के एमडी अनिल वल्लूरी ने एक बयान में कहा, ''भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बीते वर्ष में रैंसमवेयर अटैक के प्राथमिक लक्ष्य के रूप में उभरा है। यह अस्थिर प्रवृत्ति भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के भीतर महत्वपूर्ण कमजोरियों को रेखांकित करती है।"

एंटरप्राइज-वाइड जीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर

उन्होंने आगे कहा, ''संगठनों को सुरक्षा की परतें बनाने के लिए एंटरप्राइज-वाइड जीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर को लागू करना चाहिए, जो एक हमलावर को नेटवर्क के चारों ओर घूमने से रोकता है।'' रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि फिशिंग 2022 में शुरुआती घटनाओं के एक तिहाई हिस्से से घटकर 2023 में सिर्फ 17 प्रतिशत रह गई।

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    TNN टेक डेस्क author

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