रैंसमवेयर अटैक के लिए सबसे बड़ा टारगेट बनी भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, रिपोर्ट में खुलासा
Ransomware Attack On Indian Manufacturing Sector: विश्व स्तर पर साल 2022-2023 तक मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक में साल-दर-साल 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ।
Ransomware Attack
मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक
विश्व स्तर पर साल 2022-2023 तक मल्टी-एक्सटॉर्शन रैंसमवेयर अटैक में साल-दर-साल 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ। पालो अल्टो नेटवर्क के एमडी अनिल वल्लूरी ने एक बयान में कहा, ''भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बीते वर्ष में रैंसमवेयर अटैक के प्राथमिक लक्ष्य के रूप में उभरा है। यह अस्थिर प्रवृत्ति भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के भीतर महत्वपूर्ण कमजोरियों को रेखांकित करती है।"
एंटरप्राइज-वाइड जीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर
उन्होंने आगे कहा, ''संगठनों को सुरक्षा की परतें बनाने के लिए एंटरप्राइज-वाइड जीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर को लागू करना चाहिए, जो एक हमलावर को नेटवर्क के चारों ओर घूमने से रोकता है।'' रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि फिशिंग 2022 में शुरुआती घटनाओं के एक तिहाई हिस्से से घटकर 2023 में सिर्फ 17 प्रतिशत रह गई।
फिशिंग के मामले हुए कम
रिपोर्ट के अनुसार, "यह फिशिंग को कम प्राथमिकता देने का संकेत है। साइबर अपराधी अधिक तकनीकी रूप से एडवांस और शायद अधिक कुशल घुसपैठ के तरीकों को अपना रहे हैं।" इसके अलावा, रिपोर्ट में सॉफ्टवेयर और एपीआई कमजोरियों के शोषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। साल 2022 में 28.20 प्रतिशत थी जो 2023 में बढ़कर 38.60 प्रतिशत हो गई।
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