Maha Kumbh 2025 में नहीं होगी नेटवर्क की कमी, इंटरनेट की रफ्तार भी नहीं होगी धीमी
महाकुंभ मेले में कुल 40 करोड़ लोगों के जुटने की संभावना के बीच निर्बाध दूरसंचार नेटवर्क मुहैया कराने के लिए दूरसंचार कंपनियों और मेला प्रशासन ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी की है। दूरसंचार कंपनियों ने मेला क्षेत्र में अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के साथ नए टावर एवं बेस ट्रांसिवर स्टेशन (बीटीएस) और सेल ऑन व्हील्स (ट्रांसपोर्टेबल टावर) भी लगाए हैं।
Maha Kumbh 2025 में नहीं होगी नेटवर्क की कमी
Maha Kumbh 2025: करीब डेढ़ महीने तक चलने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेले में कुल 40 करोड़ लोगों के जुटने की संभावना के बीच निर्बाध दूरसंचार नेटवर्क मुहैया कराने के लिए दूरसंचार कंपनियों और मेला प्रशासन ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी की है। कुछ किलोमीटर के दायरे में एक ही दिन करोड़ों लोगों की मौजूदगी की संभावना को देखते हुए उन्हें मोबाइल फोन नेटवर्क और इंटरनेट सुविधा मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। हालांकि, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने महाकुंभ के सफल आयोजन की तैयारी में जुटे मेला प्रशासन के साथ मिलकर इसके पुख्ता बंदोबस्त किए हैं।
नए टावर और तारों का नेटवर्क
दूरसंचार कंपनियों ने मेला क्षेत्र में अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के साथ नए टावर एवं बेस ट्रांसिवर स्टेशन (बीटीएस) और सेल ऑन व्हील्स (ट्रांसपोर्टेबल टावर) भी लगाए हैं। इससे मेला क्षेत्र में मजबूत और निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। महाकुंभ के एकीकृत नियंत्रण एवं कमान केंद्र (आईसीसीसी) के अधिकारियों ने कहा कि आपातकालीन संचार और संकट की किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए मेला क्षेत्र में तीन आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
आपदा प्रबंधन केंद्र भी हैं
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने लाखों श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए निर्बाध संचार सुनिश्चित कराने के मकसद से यहां अपनी सेवाओं को बढ़ाया है।’’ इसके अलावा दूरसंचार कंपनियों एयरटेल, बीएसएनएल, जियो और वोडाफोन आइडिया द्वारा संचालित तीन आपदा प्रबंधन केंद्र भी मेला क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्राकृतिक या किसी मानव-निर्मित आपदा की स्थिति में महत्वपूर्ण संचार चैनल मुहैया कराने के लिए इन केंद्रों को नवीनतम तकनीक से लैस किया गया है, जिससे उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।’’
महाकुंभ में अब तक
हर 12 साल पर प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 45 दिन तक चलेगा। अबतक आठ करोड़ से अधिक तीर्थयात्री संगम पर पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। बुधवार को मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान पर 10 करोड़ और लोगों के डुबकी लगाने की उम्मीद है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के सीमित क्षेत्र में इकट्ठा होने से उनके लिए समुचित दूरसंचार नेटवर्क मुहैया करा पाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। हालत यह होती है कि कभी-कभी एक वर्गमीटर क्षेत्र में ही आधा दर्जन से अधिक लोग मौजूद होते हैं। इनमें से तमाम लोग इंटरनेट का उपयोग करने की भी कोशिश करते हैं।
नेटवर्क बेहतर होने का फायदा
महाकुंभ नगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि श्रद्धालुओं को निर्बाध फोन कनेक्शन मिलने से कई तरह की समस्याओं का समाधान हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ में अपने प्रियजनों को खोने की चिंता कम हो जाती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से उनसे फोन पर बात कर सकता है क्योंकि अब मोबाइल फोन की पहुंच पहले के कुंभ की तुलना में बहुत अधिक है। इसके अलावा डिजिटल भुगतान से नकदी ले जाने की जरूरत भी कम हो जाती है।’’ दूरसंचार मंत्रालय ने भी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को लोगों की भारी भीड़ का समर्थन करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने और नेटवर्क को अनुकूलित करने का निर्देश दिया था। इस पहल के तहत मेला क्षेत्र के आसपास मौजूद सरकारी भवनों पर स्थायी टावर भी लगाए गए हैं जिससे शहर में मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान हो जाएगा।
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Pawan Mishra author
पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। ...और देखें
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