India Digital Fest:अब 2005 जैसा नहीं रहा भारत,नए बिजनेस के लिए अपार मौके-संध्या देवनाथन

Times Network द्वारा आयोजित India Digital Fest (IDF 2023) में Meta India की हेड और वाइस प्रेसिडेंट Sandhya Devanathan ने भारत में डिजिटल युग पर बात की। उन्होंने कहा कि 2005 में जैसा भारत छोड़कर गई थीं, वो अब पूरी तरह बदल गया है।

India Digital Fest Sandhya Devanathan

भारत ने तेजी से तरक्की की है और ये अब बदलाव का केंद्र बन चुका है।

मुख्य बातें
  • टाइम्स नेटवर्क इंडिया डिजिटल फेस्ट
  • संध्या देवनाथन बोलीं बदल गया भारत
  • हजारों स्टार्टअप को मिल रहा फायदा

India Digital Fest: 2005 में जैसा भारत मैं छोड़कर गई थी, अब वह लगभग पूरी तरह बदल चुका है। इस बीच देश ने बहुत तेजी से तरक्की की है और ये अब डिजिटल बदलाव का केंद्र बन चुका है। मेटा इंडिया की हेड और वाइस प्रेसिडेंट संध्या देवनाथन ने ये बात IDF में कही है। उन्होंने कहा कि जब दुनियाभर में कोविड महामारी के चलते लॉकडाउन लगा हुआ था, उस समय इंटरनेट काम कर रहा था और अरबों लोगों ने हमारे प्लेफॉर्म का इस्तेमाल किया था। यहां लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की सेहत की जानकारी ली, बिना फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के ये काम करना लगभग नामुमकिन था। भारत में इस प्लेटफॉर्म पर अंजान लोगों ने भी महामारी के समय लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया।

92 फीसदी लोग बोले ‘हमें मदद मिली

संध्या देवनाथन ने कहा कि कोविड के समय लोगों ने हमारे प्लेटफॉर्म से 4 करोड़ वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड किए जो हमारे लिए गर्व की बात है। कोविड के दौरान लोगों ने घर में ही छोटे बिजनेस शुरू किए और इनकी बिक्री फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के जरिए शुरू की। टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एमके आनंद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में संध्या ने कहा कि रोजाना भारत के लोग इंटरनेट से जुड़ रहे हैं और हमारे प्लेटफॉर्म की मदद से बिजनेस की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं। संध्या ने बताया कि मुसीबत के समय लाखों लोग इंटरनेट पर मदद ढूंढ़ रहे थे और एक सर्वे में 92 फीसदी लोगों ने कहा कि हमें ऑनलाइन मदद मिली है।

स्टार्टअप के लिए भी बहुत उपयोगी

ग्लोबल लेवल पर मेटा प्लेटफॉर्म पर कई हजार स्टार्टअप अपना काम ऑनलाइन करते हैं। नए बिजनेस के लिए मेटा में अपार संभावनाएं हैं जहां चुटकियों में ब्रांड को प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं जो जीडीपी में 30 प्रतिशत का योगदान करने के अलावा देश के करीब 11 करोड़ लोगों को रोजगार भी देते हैं। डायरेक्ट-टू-कस्टमर भी भारत में एक ट्रेंड बनता नजर आ रहा है।

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अंशुमन साकल्ले author

अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें

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