दुनिया की आबादी से भी ज्यादा हुई मोबाइल की संख्या, जानें भारत कौन से नंबर पर

ITU ने डेटा जारी कर जानकारी दी है कि दुनियाभर में जितनी आबादी इंसान की नहीं है, उससे ज्यादा अब मोबाइल्स की संख्या हो चुकी हैं। बता दें कि 2017-2022 के बीच ही मोबाइल यूजर्स की संख्या में दुगना इजाफा हुआ है।

दुनिया की आबादी से ज्यादा संख्या मोबाइल की हो चुकी है

मुख्य बातें
  • इंसान से ज्यादा हुए मोबाइल फोन
  • बीते पांच साल में दुगने हुए यूजर्स
  • 1973 में बना था पहला मोबाइल फोन

Mobile Crossed World Population In Numbers: मोबाइल फोन को 1973 में इन्वेंट किया गया था जिसके बाद से तकनीक में व्यापक बदलाव आया। बीते 50 साल में मोबाइल ने दुनियाभर में अपने पैर पसाल लिए हैं और आज हालत ये है कि एक व्यक्ति एक से ज्यादा मोबाइल फोल इस्तेमाल करने लगा है। अब आईटीयू यानी इंटरनेशल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन ने आंकड़े जारी कर जानकारी दी है कि दुनिया की आबादी से ज्यादा संख्या मोबाइल की हो चुकी है। मतलब मोबाइल फोन सबसे तेजी से बढ़ने वाली मानव निर्मित टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट बन गई है। साल 2021 के आंकड़े के अनुसार, भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले एक्टिव यूजर्स की संख्या 43 करोड़ से ज्यादा थी।

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2017 से 2022 के बीच दुगन हुआ इस्तेमाल

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आईटीयू ने अपने डेटा में जानकारी दी है कि दुनियाभर की आबादी में 5.4 अरब लोग एक से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। यही वजह है कि इंसान की कुल जनसंख्या के मुकाबले अब मोबाइल फोन्स की संख्या हो चुकी है। बता दें कि 2017 तक भी मोबाइल फोन के यूजर्स इतनी बड़ी संख्या में नहीं थे, लेकिन 2022 आते-आते स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या में 50 फीसदी तक इजाफा हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 तक मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़कर 7.5 अरब से भी ज्यादा हो जाएगी।

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