Starlink vs Reliance: स्टारलिंक के खिलाफ सरकार के पास पहुंचे मुकेश अंबानी, आखिर क्यों एलन मस्क से है टेंशन, जानिए

Starlink vs Reliance: रिलायंस ने अपने लेटर में उल्लेख किया है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में 23 अरब डॉलर का निवेश करने के बाद वह हर महीने 15 बिलियन गीगाबाइट डेटा लेगा। इसके उलट स्टारलिंक की योजना सैटेलाइट के जरिए 18 बिलियन गीगाबाइट की संभावित क्षमता वाले समान ग्राहकों को काफी कम लागत पर टार्गेट करने की है।

स्टारलिंक के खिलाफ लगाई गुहार

मुख्य बातें
  • सरकार के पास पहुंचे मुकेश अंबानी
  • स्टारलिंक के खिलाफ लगाई गुहार
  • जांच की उठाई मांग

Starlink vs Reliance: अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत के दूरसंचार नियामक से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम अलॉट करने से पहले एलन मस्क के स्टारलिंक (Starlink) और अमेजन के कुइपर (Kuiper) के संभावित प्रभाव का बारीकी से आकलन करने का आग्रह किया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस ने चिंता जाहिर की है कि विदेशी कंपनियां स्थानीय यानी भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटरों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

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एक लेटर में हुआ बड़ा खुलासा

एक लेटर ने अंबानी और मस्क के बीच चल रहे मुकाबले को उजागर किया है कि भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का अलॉटमेंट कैसे किया जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस ऑक्शन को सपोर्ट करता है, जिसमें बड़ा निवेश शामिल है, लेकिन ग्लोबल ट्रेंड्स के बाद भारत का झुकाव एडमिनिस्ट्रेटिव एलोकेशन के लिए मस्क के पसंदीदा सिस्टम की ओर है।

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