Asteroid 2023 BU: आ रहा ट्रक के जितना बड़ा Asteroid! अपनी Earth के बेहद नजदीक से गुजरेगा, पर तब क्या होगा?
नासा की जेट प्रोपल्शन लैब (NASA Jet Propulsion Laboratory) की ओर से इस बाबत ट्वीट कर जानकारी दी गई। हालांकि, बताया गया कि यह भू-समकालिक उपग्रहों (Geosynchronous Satellites) की कक्षा के भीतर से गुजरेगा, लेकिन क्षुद्रग्रह के पृथ्वी पर प्रभाव का कोई खतरा नहीं है।"
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
अपनी पृथ्वी की ओर एक ट्रक के बराबर के आकार का एस्टेरॉयड (Asteroid) आ रहा है, जिसका नाम - Asteroid 2023 BU है। यह शुक्रवार (27 जनवरी, 2023) को धरती के बेहद नजदीक से होकर गुजरेगा और यह अब तक के इतिहास में सबसे करीब से होकर गुजरने वाला क्षुद्रग्रह होगा। संबंधित खबरें
सिविल स्पेस प्रोग्राम, एयरोनॉटिक्स रिसर्च और स्पेस रिसर्च की दिशा में काम करने वाली अमेरिका की सरकारी एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) की ओर से यह जानकारी देते हुए बताया गया कि यह एस्टेरॉयड भारतीय समयानुसार के हिसाब से सुबह पांच बजकर 57 मिनट के आसपास साउथ अमेरिका के दक्षिणी बिंदु के नजदीक से गुजरेगा। यह तब पृथ्वी की सतह से सिर्फ 3600 किमी के एल्टीट्यूड पर होगा। और सरल भाषा में समझें तो यह छोटा एस्टेरॉयड इस दौरान पृथ्वी से उतरा दूर होगा, जितना की दिल्ली और बीजिंग के बीच का फासला है।संबंधित खबरें
21 जनवरी को क्रीमिया के नौचनाय में मार्गो ऑबजर्वेट्री में इस एस्टेरॉयड के बारे में शौकिया खगोलशास्त्री गेनेडी बोरिसोव ने पता लगाया था। वैसे, सबसे अच्छी बात यह है कि इससे अपनी धरती को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह धरती से नहीं टकराएगा और अगर यह बेहद करीब आ भी गया तब इसका अधिकतर हिस्सा वायुमंडल में जल जाएगा और फिर इसके टुकड़े बिखर जाएंगे, जबकि कुछ टुकड़े उल्कापिंड के नाते गिर भी सकते हैं।संबंधित खबरें
पृथ्वी की ओर कैसे चले आते हैं ये Asteroid?एस्टेरॉयड को हिंदी में क्षुद्रग्रह के नाम से भी जाना जाता है। ये कभी-कभी छोटे ग्रह के तौर पर भी जाने जाते हैं। ये करीब 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी और वायुहीन अवशेष हैं। दरअसल, Asteroid भी सूर्य के चक्कर लगाते हैं। पर कभी-कभी ये आपस में टकरा जाते हैं। जब ये एक-दूसरे से लड़ते-भिड़ते हैं, तब इनकी दिशाएं बदल जाती हैं। मंगल (गतिशील है और अपना स्थान बदलता रहता है) इस स्थिति में गुरुत्वाकर्षण के चलते अपनी ओर खींच लेता है। चूंकि, मंगल गतिशीलता के चलते अपना स्थान बदलता रहता है, लिहाजा ये क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर चले आते हैं।
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