क्या होता है IP Address, जिसने बताया दिल्ली के स्कूलों में बम के ईमेल का रूसी कनेक्शन

Delhi Schools Bomb Threat, IP Address: आईपी एड्रेस, इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का संक्षिप्त रूप है। यह एक यूनिक नंबर होता है, जो इंटरनेट या लोकल नेटवर्क से जुड़े किसी भी डिवाइस की पहचान करता है। आईपी एड्रेस, चार नंबरों का एक सेट होता है, और प्रत्येक सेट 0 से 255 के बीच होता है।

IP Address

IP Address

Delhi Schools Bomb Threat, IP Address: बुधवार 1 मई को सुबह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लगभग 100 स्कूलों को ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने कहा कि पुलिस ने बम धमकी वाले ईमेल के सोर्स का पता लगा लिया है जो एक अफवाह प्रतीत होता है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि स्कूलों को फर्जी ईमेल भेजने के लिए एक ही आईपी पते का इस्तेमाल किया गया था और यह IP एड्रेस रूस डोमेन का है। अब ऐसे में यह जानना जरूरी है कि IP एड्रेस ऐसा कौन सा पता है जिसकी मदद से बड़े-बड़े अपराधी साइबर पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं।

क्या होता है IP address?

आईपी एड्रेस, इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) का संक्षिप्त रूप है। यह एक यूनिक नंबर होता है, जो इंटरनेट या लोकल नेटवर्क से जुड़े किसी भी डिवाइस की पहचान करता है। आईपी एड्रेस, चार नंबरों का एक सेट होता है, और प्रत्येक सेट 0 से 255 के बीच होता है। यानी 0.0.0.0 से 255.255.255.255 तक। 181.140.1.39 एक IP Address है।

ये भी पढ़ें: Flipkart Big Saving Days Sale: आधी से कम कीमत में मिलेंगे ये दमदार स्मार्टफोन, iPhone और Samsung भी लिस्ट में शामिल

कैसे काम करता है IP address?

IP एड्रेस, एक खास नंबर होता है और इसे आईएएनए (Internet Assigned Numbers Authority) द्वारा अलॉट किया जाता है। IP Address डिवाइस को कम्युनिकेट करने में मदद करता है लेकिन इससे डिवाइस की लोकेशन का भी पता लगाया जा सकता है। IP Address, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) द्वारा डिवाइस को दिया जाता है।

जैसे घर का पता वैसे इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस

IP मतलब इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस। एकदम वैसे ही हैं जैसे आपके और हमारे घर के पते होते हैं। यानी यदि आपको घर पर कोई सामान मंगाना होता है तो हम ऑनलाइन अपने घर का पता लिखवाते हैं और घर सामान आ जाता है, वैसे ही यदि अपराधी का IP एड्रेस मिल जाए तो पुलिस उस तक पहुंच सकती है। इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस की मदद से पुलिस आरोपी के डिवाइस का पता लगा सकती है और उस तक पहुंच सकती है। हालांकि, VPN की मदद से आईपी एड्रेस को छिपाया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: गूगल ने एक साल में प्‍ले स्‍टोर से हटाए 22 लाख से ज्यादा Apps, कहीं आपके फोन में तो नहीं

क्यों इस्तेमाल होते हैं IP address?

आईपी एड्रेस न केवल इंटरनेट से कनेक्ट होने पर आवश्यक हैं बल्कि इसको मुख्य रूप से दो कामों के लिए जरूरी माना जाता है। पहला- होस्ट की पहचान और होस्ट की लोकेशन। यानी इंटरनेट एक्सेस करने वाला कौन है और उसकी लोकेशन क्या है। यह दोनों काम आईपी एड्रेस की मदद से किए जाते हैं। आईपी एड्रेस मुख्य रूप से चार तरह के होते हैं- पब्लिक आईपी एड्रेस, प्राइवेट आईपी एड्रेस, स्टेटिक आईपी एड्रेस और डायनामिक आईपी एड्रेस।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | टेक एंड गैजेट्स (tech-gadgets News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited