फर्जी ID से खरीदा सिम या सोशल मीडिया पर बनाया फेक अकाउंट... तो होगी जेल!
टेलीकॉम डिपार्टमेंट साइबर अपराधों को रोकने के लिए नए नियमों को लाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए टेलीकम्युनिकेशन बिल के लेटेस्ट ड्राफ्ट में नए प्रावधानों को रखा है।
सोशल मीडिया पर बनाया फर्जी अकाउंट तो होगी जेल!
New Telecommunication
दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने यूजर्स को इलीगल ऑनलाइन एक्टिविटीज से बचाने के लिए टेलीकम्युनिकेशन बिल के लेटेस्ट ड्राफ्ट में इन प्रावधानों को रखा है।
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ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने का नया तरीका
पिछले कुछ सालों में साइबर अपराधियों द्वारा कई गैरकानूनी गतिविधियां की गईं हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों के पास फेक डॉक्यूमेंट्स वाला सिम होता है या ये अपनी पहचान छुपा कर घटना को अंजाम देते हैं। साथ ही ऐसे शातिर लोग OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी फेक आइडेंटिटी के साथ रहते हैं।
ड्राफ्ट किए गए बिल में ये बताया गया है कि टेलीकॉम यूजर्स को ये पता होना चाहिए कि कौन कॉल कर रहा है। इससे उन्हें टेलीकॉम सर्विसेज के जरिए होने वाले साइबर अपराध से निपटने में मदद मिलेगी। इसलिए आइडेंटिटी से संबंधित प्रावधानों को बिल में शामिल किया गया है। ड्राफ्ट किए गए बिल के सेक्शन 4 के सब-सेक्शन 7 के तहत टेलीकॉम यूजर्स को अपनी आइडेंटिटी बतना अनिवार्य किया गया है। यानी सभी सिम कार्ड होल्डर्स का KYC होना जरूरी होगा। तारीकी फेक सिम कार्ड्स के जरिए होने वाले अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।
ऐसे में नया नियम लागू हो जाने के बाद अगर कोई शख्स अपनी पहचान छुपाते हुए पाया जाता है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है। या उसे 50 हजार रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है या उसी दूरसंचार सेवाओं का निलंबित की जा सकती है या इनमें से एक साथ कुछ भी किया जा सकता है।
बिना वारंट होगी गिरफ्तारी
इस तरह की धोखाधड़ी को एक संज्ञेय अपराध (cognizable offence) के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका मतलब है कि एक पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है और अदालत की अनुमति के बिना जांच शुरू कर सकता है।
भारत के केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'कॉल मिलते समय ये पता होना चाहिए कि कॉल कौन कर रहा है। इसमें सभी तरह के कॉल शामिल हैं, चाहे वह सामान्य वॉयस कॉल हो या वॉट्सऐप कॉल हो, फेसटाइम हो या कोई अन्य OTT कॉल हो। अगर इस ड्राफ्ट को मंजूरी मिल जाती है और यह चलन में आता है, तो ऑनलाइन और कॉल धोखाधड़ी में भारी कमी आएगी। क्योंकि सभी को पता चल जाएगा कि कॉल कौन कर रहा बहै क्यों KYC हो गया होगा।
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