रैनसमवेयर अटैक का शिकार हुए देश के 300 बैंक, UPI पेमेंट और कामकाज ठप

Ransomware Attack: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा, "रैनसमवेयर हमले से कुछ बैंकों के यूपीआई, आईपीएमएस और अन्य पेमेंट सिस्टम अस्थायी रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।" बता दें कि रैनसमवेयर अटैक एक प्रकार का साइबर अटैक है जिसमें मैलवेयर को पीड़ित के डिवाइस में एन्क्रिप्ट किया जाता है।

रैनसमवेयर अटैक का शिकार हुए देश के 300 बैंक, UPI पेमेंट और कामकाज ठप

Ransomware Attack: एक टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर पर रैनसमवेयर अटैक के कारण लगभग 300 भारतीय बैंकों की पेमेंट सर्विस अस्थायी रूप से ठप हो गई हैं। इस अटैक में सी-एज टेक्नोलॉजीस (C-Edge Technologies) कंपनी हुई है, जिसके बाद कई बैंकों का कामकाज ठप हो गया है।

क्या है मामला

बता दें कि एक टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर सी-एज टेक्नोलॉजीज पर रैनसमवेयर अटैक के कारण लगभग 300 छोटे बैंक प्रभावित हुए हैं। सी-एज टेक्नोलॉजीज इन सभी बैंकों को टेक्निकल सपोर्ट देती है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फिलहाल अस्थायी रूप से टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर के काम पर रोक लगा दी है।

300 बैंक प्रभावित

सी-एज टेक्नोलॉजीस पर रैनसमवेयर अटैक के कारण इन स्थानीय बैंकों को अपना कामकाज बंद करना पड़ा है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों पर पड़ा, जो एसबीआई और टीसीएस के संयुक्त वैंचर सी-एज पर निर्भर हैं। एक बयान में, एनपीसीआई ने कहा कि उसे एहतियात के तौर पर रिटेल पेमेंट सिस्टम तक पहुंच से सी-एज को अस्थायी रूप से अलग करना पड़ा है।

एनपीसीआई ने कहा, "सी-एज टेक्नोलॉजीज...संभवतः रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुई है, जिससे उनके कुछ सिस्टम प्रभावित हुए हैं। इस हमले से कुछ बैंकों के यूपीआई, आईपीएमएस और अन्य पेमेंट सिस्टम अस्थायी रूप से ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। एक सूत्र ने बताया कि रैनसमवेयर अटैक से अधिकांश छोटे बैंक ही प्रभावित हुए हैं, जिससे देश के पेमेंट सिस्टम का केवल 0.5% हिस्सा ही प्रभावित होगा।

कब तक ठीक होगी व्यवस्था?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रैनसमवेयर को अलग करने के बाद थर्ड पार्टी ऑडिट कराया गया। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो गुरुवार सुबह तक सिस्टम चालू हो जाएगा।

क्या होता है रैनसमवेयर अटैक?

रैनसमवेयर अटैक एक प्रकार का साइबर अटैक है जिसमें मैलवेयर को पीड़ित के डिवाइस में एन्क्रिप्ट किया जाता है। इसके बाद उनके सिस्टम से लॉक किया जाता है। हमलावर फिर सिस्टम ठीक करने के बदले फिरौती की मांग करते हैं।

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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