AI डेवलपमेंट को तेज करना Samsung की चुनौती, लगातार बदलाव की जरूरत: एक्सपर्ट

Samsung AI development: तेजी से विकसित हो रही एआई तकनीक ने चिप उद्योग के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को बदल दिया है। लिन ने कहा कि सैमसंग समय पर एचबीएम जैसे महत्वपूर्ण चिप में प्रमुख तकनीक हासिल करने में असमर्थ रहा है। लिन के अनुसार सैमसंग को अपने व्यापार मॉडल और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है।

Samsung AI development

Samsung AI development: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया की सबसे बड़ी मेमोरी चिप निर्माता कंपनी है। हालांकि यह इस समय कठिन बाजार स्थितियों और कमजोर तिमाही प्रदर्शन के चलते "संकट" में फंसी दिख रही है। खासकर हाई बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) के क्षेत्र में लीडरशिप खोने के कारण सैमसंग के सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। 1990 के दशक से मेमोरी चिप मार्केट में सैमसंग का दबदबा रहा है, पर अब इसे चुनौती मिल रही है।

सैमसंग पर भारी पड़ रही चुनौतियां

ताइवान के बिजनेस टुडे के वरिष्ठ पत्रकार और चिप उद्योग विशेषज्ञ लिन होंग-वेन का कहना है कि वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर कई दीर्घकालिक चुनौतियां सैमसंग पर भारी पड़ रही हैं। लिन ने कहा कि "चीन का उभार" सैमसंग के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। चीन मोबाइल फोन, पैनल और मेमोरी चिप्स जैसे कई क्षेत्रों में सैमसंग के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। चीन अपनी आयातित वस्तुओं को घरेलू उत्पादन से बदल रहा है, जिससे सैमसंग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

जानें क्या है सैमसंग की मुख्य चुनौती

योनहाप न्यूज एजेंसी से बात करते हुए लिन ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक के तेजी से विकास और वाशिंगटन और बीजिंग के बीच व्यापार विवाद जैसे भू-राजनीतिक जोखिम भी सैमसंग के लिए चुनौती बने हुए हैं। जापान द्वारा कोरिया को कुछ प्रमुख औद्योगिक सामग्रियों के निर्यात पर नियंत्रण भी सैमसंग के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है।

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