सैमसंग-शाओमी पर अमेजन-फ्लिपकार्ट के साथ मिलीभगत का आरोप, लग सकता है बड़ा जुर्माना
CCI Vs Big Tech Firms: काउंटरपॉइंट रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि सैमसंग और चीन की शाओमीभारत की दो सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां हैं, जिनकी कुल मिलाकर लगभग 36% बाजार हिस्सेदारी है, जबकि चीन की वीवो की हिस्सेदारी 19% है। CCI की एंटीट्रस्ट जांच के बाद सैमसंग और शाओमी जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
CCI Vs Big Tech Firms
CCI Vs Big Tech Firms: सैमसंग, शाओमी और अन्य स्मार्टफोन कंपनियों ने ई-कॉमर्स फर्मों की भारतीय वेबसाइटों पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए अमेज़न और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट के साथ मिलीभगत की, जो एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा की गई एंटीट्रस्ट जांच में पाया गया है कि Amazon और Flipkart ने चुनिंदा विक्रेताओं को प्राथमिकता देकर, कुछ लिस्टिंग को प्राथमिकता दी और उत्पादों पर भारी छूट देकर स्थानीय प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है, जिससे अन्य कंपनियों को नुकसान हुआ है।
प्रतिस्पर्धा कानून का हुआ उल्लंघन
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेजन पर सीसीआई की 1,027 पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पांच कंपनियों - सैमसंग, शeओमी, मोटोरोला, रियलमी और वनप्लस - की भारतीय यूनिट्स अमेजन और उसके सहयोगियों के साथ "मिलीभगत" करके "एक्सक्लूसिव" फोन लॉन्च करने में शामिल रहीं, जो प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन है। वहीं फ्लिपकार्ट के मामले में, 1,696 पन्नों की CCI रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग, शिओमी, मोटोरोला, वीवो, लेनोवो और रियलमी की भारतीय यूनिट्स ने भी इसी तरह की हरकतें की हैं।
इन कंपनियों की बढ़ सकती है मुसीबत
इस मामले में सैमसंग और शाओमी जैसी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को शामिल करने से उनकी कानूनी और कम्प्लायंस संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। सीसीआई की दोनों रिपोर्टों में कहा गया है कि जांच के दौरान अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने एक्सक्लूसिव लॉन्च के आरोपों को "जानबूझकर कम करके आंका", लेकिन अधिकारियों ने पाया कि यह काम बड़े पैमाने पर हुआ है।
किसकी कितनी है हिस्सेदारी
काउंटरपॉइंट रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया की सैमसंग और चीन की शाओमीभारत की दो सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां हैं, जिनकी कुल मिलाकर लगभग 36% बाजार हिस्सेदारी है, जबकि चीन की वीवो की हिस्सेदारी 19% है। कंसल्टेंसी फर्म बैन का अनुमान है कि भारत का ई-रिटेल बाजार 2028 तक 160 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा, जो 2023 में 57-60 बिलियन डॉलर से अधिक रहा।
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