Solar Storm: पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, बाल-बाल बचा धरती का ये इलाका, बड़ी अनहोनी का अंदेशा!

Solar Storm: पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर से सीएमई (CME) के कणों की वजह से एक सौर तूफान (Solar Storm) टकराया। यह तूफान बादल से टकराया। हालांकि बहुत बड़ी क्षति नहीं हुई लेकिन बड़ी अनहोनी होने का खतरा बढ़ गया है।

पृथ्वी पर आया सौर तूफान

कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection) 19 जनवरी को बादल से टकराया। पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर से सीएमई (CME) के कणों की वजह से एक सौर तूफान (Solar Storm) टकराया। इसकी जानकारी सैटेलाइट की वजह से मिली। यह सौर तूफान पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध के इलाके में आया। हालांकि बहुत बड़ी क्षति नहीं हुई लेकिन बड़ी अनहोनी होने का खतरा बढ़ गया है। सूर्य 11 साल के चक्र से गुजर रहा है। इसकी वजह से यह जरुरत से ज्यादा एक्टिव है। बताया जा रहा है कि सूर्य में हलचलों की वजह से पृथ्वी के आसपास कई खगोलीय घटनाएं हो रही हैं।

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माना जा रहा है कि सूर्य के एक्टिव होने से तारे भी सक्रिय हो गए हैं। उनमें दरार देखने को मिल रही हैं। काले सनस्पॉट भी दिखाई दे रहे हैं। एक्स-क्लास सौर अग्नि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इसकी वजह से उपग्रहों और संचार उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है। पावर ग्रिड भी प्रभावित हो सकते हैं। अंतरिक्ष यात्रा में भी मुश्किलें आ सकती हैं। परिक्रमा में सोलर फ्लेयर्स भी खतरा हैं। पृथ्वी से करीब 93 मिलियन मील की दूरी पर स्थित हाइड्रोजन और हीलियम गैस से बना सूर्य का करीब 11 वर्ष का सौर चक्र से गुजर रहा है। इस दौरान अधिकतम रफ्तार से चलता है। ऐसा वर्ष 2024 या 2025 में होने की उम्मीद है। इस दौरान सूर्य सर्वाधिक शक्तिशाली होता है।

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SpaceWeather की वेबसाइट के मुताबिक सीएमई ने 17 जनवरी को पृथ्वी के मैगनेटिक फील्ड पर अटैक किया था। इसके आगमन का संकेत पृथ्वी के पास इंटरप्लेनेटरी मैग्नेटिक फील्ड (IMF) में अचानक बदलाव से मिला था। सौर तूफान 19 जनवरी को आया था। फिर यह कमजोर हो गया। सौर तूफान की भविष्यवाणी पहले राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) द्वारा की गई थी। रिपोर्टों के मुताबिक यह एक मामूली सौर तूफान था। लेकिन आसपास के इलाकों में शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट से प्रभावित होने की आशंका थी।

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