भारत के लिए मॉर्डन टेक्नोलॉजी को अपनाने का यही सही समय: स्टार्टअप फाउंडर

Modern Technology in India: मामाअर्थ (होनसा कंज्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड) के सह-संस्थापक और सीईओ वरुण अलघ ने कहा कि भारत में सुरक्षित हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स को लेकर बहुत बड़ा स्कोप है। उन्होंने भारत में पर्सनल केयर इंडस्ट्री के प्रति काफी पॉजिटिव दिखे।

AI Technology

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Modern Technology in India: इंडस्ट्री के जानकारों और स्टार्टअप फाउंडर्स का मानना है कि भारत के विकास के लिए टेक्नोलॉजी का अहम रोल है। उनका ये भी कहना है कि इसे उपयोग में लाने के लिए वर्तमान समय बिलकुल उपयुक्त है। हीरो एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल के अनुसार, "स्टार्टअप इकोसिस्टम से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसलिए इस इकोसिस्टम को और ज्यादा मजबूत बनाए जाने की जरूरत है।"
राष्ट्रीय राजधानी में पीएचडीसीसीआई के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "ये अद्भुत समय अवसर के तौर पर लिया जाना चाहिए। ये ऐसा समय है जब युवाओं को मूल्यवान संसाधनों के तौर पर देखा जा सकता है और टेक्नोलॉजी को विकास के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।"

विकसित भारत 2047

इन्फो एज (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष संजीव बिखचंदानी ने इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक विकसित भारत की ओर देश को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में नियामक अनुपालन में कमी लाना तथा पूंजी की उपलब्धता में वृद्धि करना शामिल है।

हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स में बड़ा स्कोप

फायरसाइड सत्र के दौरान मामाअर्थ (होनसा कंज्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड) के सह-संस्थापक और सीईओ वरुण अलघ ने कहा कि भारत में सुरक्षित हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स को लेकर बहुत बड़ा स्कोप है। उन्होंने भारत में पर्सनल केयर इंडस्ट्री के प्रति काफी पॉजिटिव दिखे। उन्होंने कहा "आने वाले समय में महिलाओं द्वारा संचालित कार्यबल और अनुसंधान एवं विकास को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।"

बेहद जरूरी है लास्ट माइल फाइनेंशिंग

स्ट्राइड वेंचर्स के संस्थापक और प्रबंध साझेदार ईशप्रीत सिंह गांधी के अनुसार, "लास्ट माइल फाइनेंशिंग बेहद जरूरी है और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी के तहत बड़ी मात्रा में पूंजी भारत में आ रही है।" उन्होंने आगे कहा कि नए समय के व्यवसाय और स्टार्टअप भारत में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएचडीसीसीआई आर्थिक मॉनिटर ने हाल के वर्षों में भारत के सतत आर्थिक लचीलेपन पर प्रकाश डाला है। पिछले तीन वित्तीय वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर औसतन 8 प्रतिशत से अधिक रही है। सीपीआई मुद्रास्फीति में गिरावट, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में स्थिर वृद्धि, प्रमुख बुनियादी ढांचे, निर्यात और वित्तीय बाजार जैसे प्रमुख संकेतक भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति की ओर इशारा करते हैं।
इनपुट- आईएएनएस
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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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