TRAI के नए नियमों से COAI चिंतित, कहा- इससे टेलीकॉम कंपनियों का खर्चा बढ़ेगा
Cellular Operators Association of India: बता दें कि ट्राई ने दो दिन पहले ही नए सेवा गुणवत्ता मानकों को जारी किया है, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने पर ग्राहकों को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। यानी 24 घंटे तक मोबाइल में नेटवर्क नहीं आता है तो कंपनी को ग्राहक को इसका लाभ देना होगा।
TRAI issues new rules (image-istock)
Cellular Operators Association of India: उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने रविवार को कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के सख्त प्रावधानों के साथ सर्विस की क्वालिटी के नए मानदंड दूरसंचार परिचालकों के सामने आने वाली रोल-आउट, अवैध ट्रांसमीटर जैसी चुनौतियों में ज्यादा बदलाव किए बिना आए हैं।
ट्राई ने जारी किए नए नियम
बता दें कि ट्राई ने शुक्रवार को सर्विस की क्वालिटी के नए नियम जारी किए हैं, जिसके तहत दूरसंचार संचालकों के लिए जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में उपभोक्ताओं को मुआवजा देना अनिवार्य कर दिया गया है। ट्राई ने नए नियमों के तहत प्रत्येक गुणवत्ता बेंचमार्क को पूरा करने में विफल रहने पर जुर्माने की राशि भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है।
नियामक ने संशोधित नियमों - "एक्सेस (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा की गुणवत्ता के मानक और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024" के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों और झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक लाख रुपये, दो लाख रुपये, पांच लाख रुपये और 10 लाख रुपये की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है।
TRAI के नियमों से COAI नाखुश
सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, बीएसएनएल आदि हैं। सीओएआई ने कहा कि नये नियमों से सेवा प्रदाताओं के लिए अनुपालन लागत बढ़ेगी, जबकि ग्राहकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा, “ट्राई ने पिछले कुछ वर्षों में सेवा की गुणवत्ता के मानकों को कड़ा किया है, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
COAI ने गिनाए कारण
टीएसपी अभी भी सेल टावर और फाइबर ऑप्टिक केबल लगाने के लिए सार्वजनिक और निजी भूमि पर बुनियादी ढांचे की तैनाती के लिए अनुमति प्राप्त करते समय राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के मुद्दों से जूझ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 5जी नेटवर्क के लिए 'स्ट्रीट फर्नीचर' की अतिरिक्त आवश्यकता के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। स्ट्रीट फर्नीचर में बिजली के खंभे, बस स्टॉप और ट्रैफिक लाइट जैसी सार्वजनिक संरचनाएं शामिल हैं।
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Vishal Mathel author
विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें ...और देखें
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