Ola CEO भाविश अग्रवाल की माइक्रोसॉफ्ट को दो टूक, कहा-'हमारे डेटा से पैसा कमाते हैं और हमें लेक्चर देते हैं"
Ola CEO Bhavish Aggarwal: भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘‘किसी भी कॉरपोरेट व्यक्ति को यह तय करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि क्या प्रतिबंधित किया जाएगा। डेटा का स्वामित्व कॉरपोरेट के बजाय क्रिएटर्स के पास होना चाहिए। वे हमारे डेटा का उपयोग करके पैसा कमाते हैं और फिर हमें ‘सामुदायिक दिशानिर्देशों’ पर उपदेश देते हैं।''

Ola CEO Bhavish Aggarwal
Ola CEO Bhavish Aggarwal: ओला ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने माइक्रोसॉफ्ट और उसकी अनुषंगी लिंक्डइन को फटकार लगाई है। अग्रवाल ने माइक्रोसॉफ्ट का बहिष्कार करते हुए कहा कि ओला, जो माइक्रोसॉफ्ट एज्योर की एक ग्राहक है, अब इसकी सेवाएं नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि ओला एक सप्ताह में अपना पूरा काम अपने घरेलू कृत्रिम क्लाउड पर ट्रांसफर कर देगा।
माइक्रोसॉफ्ट एज्योर से तोड़ा नाता
भाविश ने पुष्टि की है कि कंपनी अपने मौजूदा क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर माइक्रोसॉफ्ट एज्योर (Microsoft Azure) से नाता तोड़ रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अग्रवाल ने एक पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी दी है। अग्रवाल ने एक अपनी पोस्ट में कहा कि भारत को अपने खुद का टेक प्लेटफार्म स्थापित करने की जरूरत है।
ये भी पढ़ें: भारत में लॉन्च हुआ Hanooman AI चैटबॉट, 98 भाषाओं में देगा जवाब, ऐसे करें डाउनलोड
बड़े टेक फर्म कर रहे मनमानी-भाविश
X पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि पश्चिम के बड़े तकनीकी एकाधिकार के चलते सांस्कृतिक दखल और शासन से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है। इससे पहले लिंक्डइन ने उनकी उस पोस्ट को हटा दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लिंक्डइन का एआई भारतीय यूजर्स पर राजनीतिक विचारधारा थोप रहा है। इसके बाद सीईओ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
क्या है सर्वनाम मुद्दा?
उन्होंने एक जेनरेटिव एआई रिएक्शन का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें अग्रवाल के लिए ''वे / उनके'' सर्वनाम का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने ‘सर्वनाम बीमारी’ की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह चलन भारत तक नहीं पहुंचेगा। अग्रवाल ने लिखा, ‘‘जिस सर्वनाम मुद्दे के बारे में मैंने लिखा, वह अधिकार की एक जागृत राजनीतिक विचारधारा है, जो भारत में नहीं है। मैं इस बहस में शामिल नहीं होता, लेकिन लिंक्डइन ने स्पष्ट रूप से माना है कि भारतीयों को हमारे जीवन में सर्वनाम की जरूरत है, और हम इसकी आलोचना नहीं कर सकते। वे हमें उनके साथ सहमत होने के लिए धमकाएंगे या हमें नकार देंगे।’’
ये भी पढ़ें: X का बड़ा कदम: भारत में 1.8 लाख से ज्यादा अकाउंट्स किए बैन, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलती
भारत को अपने टेक प्लेटफार्म की जरूरत
अग्रवाल ने भारतीय डेवलपर समुदाय से डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर) सोशल मीडिया फ्रेमवर्क बनाने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी कॉरपोरेट व्यक्ति को यह तय करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि क्या प्रतिबंधित किया जाएगा। डेटा का स्वामित्व कॉरपोरेट के बजाय क्रिएटर्स के पास होना चाहिए। वे हमारे डेटा का उपयोग करके पैसा कमाते हैं और फिर हमें ‘सामुदायिक दिशानिर्देशों’ पर उपदेश देते हैं।''
अग्रवाल ने आगे लिखा, ‘‘चूंकि, लिंक्डइन का स्वामित्व माइक्रोसॉफ्ट के पास है और ओला एज्योर का एक बड़ा ग्राहक है, इसलिए हमने अगले सप्ताह से अपने पूरे काम को एज्योर से हटाकर अपने कृत्रिम क्लाउड पर लाने का निर्णय लिया है।’’उन्होंने कहा कि वह ग्लोबल टेक कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एक भारतीय नागरिक के रूप में उनकी चिंता है कि उनका जीवन पश्चिम की बड़ी तकनीकी कंपनियों के एकाधिकार से न चले।
इटपुट- भाषा
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | टेक एंड गैजेट्स (tech-gadgets News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

Digital Jan Shakti: भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में 'डिजिटल जन शक्ति' पहल महत्वपूर्ण कदम

Samsung फिर दोहराएगा दो साल पुरानी गलती? Galaxy S26 के साथ करेगा खिलवाड़!

घर में लाएं थिएटर जैसा शानदार साउंड! URBAN ने लॉन्च किया 80 वॉट का कॉम्पैक्ट साउंडबार

Apple Fines: एप्पल पर लगा 1,368 करोड़ रुपये का जुर्माना, फ्रांस की रेगुलेशन ने लगाया ये आरोप

गर्मियों में ओवरहीट हो रहा है लैपटॉप? नुकसान होने से पहले अपनाएं ये 5 तरीके
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited