10 Minute Delivery Model: 10 मिनट में कैसे आपके घर पहुंच जाता है सामान, जानें डिलीवरी का नया कैफे मॉडल
10 Minute Deliveries Decoded: जेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट और डंजो जैसे ऐप 10 मिनट में आपके घर सामान पहुंचाने का काम करते हैं। यह क्विक कॉमर्स मॉडल कैफे फॉर्मेट पर काम करता है। लेकिन, यह ऐप 10 मिनट में फूड आइटम्स पहुंचाने की जगह 10 मिनट में किराने का सामान पहुंचाने पर काम करते हैं।
10 Minute Delivery Model
10 Minute Deliveries Decoded: "ऑर्डर करें...पलक नहीं झपकाए...एंजॉय!"-- यदि आप मुंबई या दिल्ली NCR में रहते हैं तो आपने 10 मिनट में सामान डिलीवर करने वाले प्लेटफार्म जेप्टो (Zepto) और ब्लिंकिट (Blinkit) के बारे में तो सुना ही होगा। यह ऐप 10 मिनट में घर तक सामान पहुंचाने का वादा करते हैं। फटाफट डिलीवरी वाला यह इकोसिस्टम बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है। लेकिन क्या आपको पता है आपके घर तक इतनी फास्ट तरीके से कैसे सामान पहुंच जाता है और यह फास्ट डिलीवरी मॉडल कैसे काम करता है? चलिए समझते हैं।
10 मिनट का ऑनलाइन डिलीवरी कॉन्सेप्ट क्या है?
जेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट, ब्लिंकिट और डंजो जैसे ऐप 10 मिनट में आपके घर सामान पहुंचाने का काम करते हैं। यह क्विक कॉमर्स मॉडल कैफे फॉर्मेट पर काम करता है। जहां आप खाने के लिए तैयार चीजें जैसे चाय, कॉफी, बिस्कुट और सैंडविच, और अन्य पैकेज्ड स्नैक्स और ड्रिंक्स खरीद सकते हैं। लेकिन, यह ऐप 10 मिनट में फूड आइटम्स पहुंचाने की जगह 10 मिनट में किराने का सामान पहुंचाने पर काम करते हैं।
ये भी पढ़ें: Youtube में स्ट्राइक का क्या है मतलब, एक बार में बंद हो जाती है पूरी कमाई, जानें इसका पूरा गणित
10 मिनट में कौन से ऐप पहुंचाते हैं सामान
- जेप्टो (Zepto)
- स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart)
- ब्लिंकिट (पहले ग्रोफर्स) Blinkit
- डंजो डेली 5 (Dunzo)
- पिज (Pidge)
10 मिनट में कैसे होती है डिलीवरी?
10 मिनट में डिलीवरी करने के लिए सबसे जरूरी है। सभी सामान की एक ही जगह मिलना है। जैसे कोई किराने की दुकान होती है वैसे ही। हालांकि, इन ऐप स्टोर पर लोग सीधे जाकर सामान नहीं खरीद सकते हैं। ये दुकानें सिर्फ ऑनलाइन ऐप से सामान मंगाने वाले ग्राहकों के लिए सामान बेचती हैं। इन्हें आमतौर पर डार्क स्टोर (मिनी-वेयर हाउस) कहा जाता है।
डार्क स्टोर से कैसे आपके घर आता है सामान
इसके अलावा 10 मिनट में डिलीवरी करने के लिए सबसे जरूरी है कि सामान फटाफट पैक हो जाए और डिलीवरी के लिए निकल जाए, इसके लिए सभी सामानों पर कोडिंग होती है। ताकि ऑर्डर मिलते ही सभी सामान फटाफट मिल जाए। इसके बाद डिलीवरी एजेंट इसे बैग में रखता है और डिलीवरी के लिए आपके घर की ओर निकल जाता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि डार्क स्टोर आपके घर के आसपास ही होते हैं। ताकि सामान लाने में ज्यादा समय न लगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | टेक एंड गैजेट्स (tech-gadgets News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें
Who is dharmesh Shah: कौन हैं धर्मेश शाह, जिन्होंने OpenAI के फाउंडर को बेचा 130 करोड़ रुपये में सबसे पुराना डोमेन
WhatsApp New Feature Updates: WhatsApp पर आई फोटो फर्जी तो नहीं, सेकंडों में पकड़ लेगा व्हाट्सएप का यह फीचर, जानें कैसे करेगा काम
CPU के बिना सीधे मेमोरी को प्रोसेस करेगा सॉफ्टवेयर, इजरायली रिसर्चर्स ने किया कमाल!
Social Media Ban: 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैन होगा सोशल मीडिया, जानें क्या है पूरा मामला
OnePlus के इस फोन में मिलेगा चोरी से बचाने वाला फीचर! जानें क्या है खास
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited