DeepFake: क्या है डीपफेक? जिससे मचा दी सनसनी, आपके लिए भी हो सकता है खतरनाक, जानें बचने का उपाय

Rashmika Mandanna Deepfake Video: डीपफेक एक ऐसी नकल है जिसकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। इसे आप 21वीं सदी की फोटोशॉपिंग तकनीक कह सकते हैं। डीपफेक नकली घटना की फोटो-वीडियो बनाने के लिए एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेता है।

Rashmika Mandanna deepfake

रश्मिका मंदाना का चेहरा जारा पटेल के साथ बदला

मुख्य बातें
  • चर्चा में हैं अभिनेत्री रश्मिका मंदाना
  • एक्ट्रेस का डीपफेक वीडियो आया सामने
  • जारा पटेल के साथ बदला गया चेहरा
Rashmika Mandanna Deepfake Video: अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का वायरल डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद इंटरनेट पर नया विवाद शुरू हो गया है। एआई के गलत इस्तेमाल और डीपफेक के खतरे को समझते हुए नेटिजेंस चिंतित हैं। अमिताभ बच्चन सहित कई फिल्मी सितारों ने डीपफेक वीडियो पर अपनी नाराजगी और चिंता जताई है। सरकार ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है। ऐसे में हम यहां जानेंगे कि डीपफेक आखिर होता क्या है? इसकी मदद से वीडियो कैसे बनाए जाते हैं? साथ ही डीपफेक वीडियो की पहचान करने और बचाव के उपाय भी जानेंगे।

क्या है डीपफेक?

आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक ऐसी नकल है जिसकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। इसे आप 21वीं सदी की फोटोशॉपिंग तकनीक कह सकते हैं। डीपफेक नकली घटना की फोटो-वीडियो बनाने के लिए एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेता है, जिससे असली और नकली कंटेंट का पता लगाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। डीपफेक मौजूदा सोर्स कंटेंट को बदल सकता है, यानी एक व्यक्ति को दूसरे के साथ बदला जा सकता है। अभिनेत्री मंदाना के मामले में भी ऐसा ही किया गया है। मंदाना का चेहरा ब्रिटिश-भारतीय महिला जारा पटेल के साथ बदला गया है।

कैसे करें पहचान?

जैसा कि हमने बताया डीपफेक तकनीक की मदद से बनाए गए फोटो-वीडियो की पहचान करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन छोटी-छोटी चीजों पर गौर करके इसे पहचाना जा सकता है। जैसे कि पलकें झपकाने और चेहरे के भावों से इसे पहचाना जा सकता है। मनुष्य आमतौर पर एक निश्चित पैटर्न में पलकें झपकाते हैं, जबकि डीपफेक वीडियो में पलकें झपकाने और चेहरे के भावों में विसंगतियां होती हैं।
कुछ डीपफेक में होठों की स्पीड बोले गए शब्दों के साथ पूरी तरह से मेल नहीं खाती है। वहीं डीपफेक का एक और संकेत त्वचा के चित्रण से मिल सकता है, जो बहुत स्मूथ दिखाई दे सकती है या लाइट को ठीक से रिफ्लेक्ट नहीं कर रही होती है। ये भी देखें कि शैडो और रिफ्लेक्शन बनावटी न लगें। अगर ऐसा है तो फोटो-वीडियो नकली हो सकता है।
डीपफेक वीडियो में बैकग्राउंड की गलतियां भी आपको इसकी पहचान करने में मदद कर सकती हैं। डीपफेक वीडियो के ऑडियो में भी हेरफेर किया जा सकता है। आवाज का स्वर, लय या गुणवत्ता और कथित तौर पर बोलने वाले व्यक्ति और आवाज के बीच एक डिस्कनेक्शन हो सकता है।
यह भी देखें कि कहीं चेहरे और बालों में कोई मिसमैच तो नहीं है। बाकी वीडियो की तुलना में डीपफेक में या तो बहुत अधिक डिजिटल शोर हो सकता है या आवाज एकदम क्लियर हो सकती है। इन चीजों पर गौर करके आप असली और नकली वीडियो की पहचान कर सकते हैं।

नकली वीडियो को कैसे हटवाएं?

अब तक भारत में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए अलग से कोई नियम नहीं हैं। इन मामलों पर आईटी एक्ट 2000 और नए आईटी एक्ट 2021 के तहत कार्रवाई की जाती है। लेकिन अभिनेत्री की वीडियो वायरल होने के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले में संज्ञान लिया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रमुख सोशल मीडिया फर्म को गलत सूचना, डीपफेक और नियमों का उल्लंघन करने वाले कंटेंट की पहचान करने और रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर उन्हें हटाने के निर्देश देते हुए एडवाइजरी जारी की है। यानी अब यूजर्स सोशल मीडिया फर्म को शिकायत करके इस तरह की वीडियो को 36 घंटे के अंदर डिलीट करा सकेंगे।
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    TNN टेक डेस्क author

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