Prafulla Dhariwal: कौन हैं प्रफुल्ल धारीवाल? जिसकी मदद से बना GPT-4o, कायल हुए OpenAI के CEO

Who is Prafulla Dhariwal: "मेरा नाम ट्रफल जैसा लगता है, लेकिन P के साथ।" नहीं, यह कोई घटिया पिकअप लाइन नहीं है। प्रफुल्ल धारीवाल अपनी वेबसाइट पर अपना परिचय इसी लाइन के साथ देते हैं। आपको बता दें कि यही 'P' वाले धारीवाल GPT-4o के डेवलपमेंट के पीछे के मास्टरमाइंड हैं।

Prafulla Dhariwal

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Who is Prafulla Dhariwal: चैटजीपीटी डेवलपर ओपनएआई ने हाल ही में अपने लेटेस्ट स्प्रिंग अपडेट इवेंट में GPT-4o को जारी किया। यह कंपनी का अब तक का सबसे पावरफुल एआई टूल है, जो GPT-4 से भी पावरफुल है। GPT-4o के 'o' का मतलब 'ओमनी' है। ओमनी ने अपनी टेक्स्ट, विजन और ऑडियो क्षमताओं से दिल जीत लिया। इस टूल के पीछे प्रफुल्ल धारीवाल की मेहनत है। धारीवाल की मदद से ही यह टूल डेवलप हो पाया है। OpenAI के CEO सैम अल्टमेंट ने भी प्रफुल्ल धारीवाल की तारीफ की है। चलिए जानते हैं कौन हैं प्रफुल्ल धारीवाल और GPT-4o में क्या थी उनकी भूमिका।

GPT-4o डेवलपमेंट के पीछे का मास्टरमाइंड

"मेरा नाम ट्रफल जैसा लगता है, लेकिन P के साथ।" नहीं, यह कोई घटिया पिकअप लाइन नहीं है। प्रफुल्ल धारीवाल अपनी वेबसाइट पर अपना परिचय इसी लाइन के साथ देते हैं। आपको बता दें कि यही 'P' वाले धारीवाल GPT-4o के डेवलपमेंट के पीछे के मास्टरमाइंड हैं। GPT-4o, ओपनएआई का नया एआई टूल है, जो अपने डेमो जिसमें रियल टाइम ट्रांसलेट, एक कोडिंग असिस्टेंट, एक एआई ट्यूटर, एक दोस्त जो आपसे बात कर सकता है, एक कवि और एक गायक जैसे काम करके चर्चा का विषय बन गया।

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कौन हैं प्रफुल्ल धारीवाल?

पुणे के मूल निवासी धारीवाल के नाम कई उपलब्धियां हैं, जिनमें 2009 में भारत सरकार की नेशनल टैलेंट सर्च स्कॉलरशिप और चीन में अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान ओलंपियाड में गोल्ड जीतना शामिल है। इसके बाद 2012 और 2013 में उन्होंने क्रमशः इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड और अंतर्राष्ट्रीय फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्ड जीता है।

धारीवाल को 12वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स (PCM) विषय में 300 में से 295 अंक मिले थे। इसके अलावा उन्होंने प्रवेश परीक्षाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। धारीवाल ने महाराष्ट्र टेक्निकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एमटी-सीईटी) में 190 अंक और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन्स) में 360 में से 330 अंक हासिल किए। धारीवाल ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से कंप्यूटर साइंस (गणित) में 5.0/5.0 के परफेक्ट जीपीए के साथ स्नातक की पढ़ाई की।

2016 में OpenAI से जुड़े

धारीवाल मई 2016 में एक रिसर्च इंटर्न के रूप में ओपनएआई में शामिल हुए और बाद में कंपनी में जेनेरेटिव मॉडल और अनसुपरवाइज्ड लर्निंग पर काम करते हुए एक रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर पहुंचे। धारीवाल GPT-3, टेक्स्ट-टू-इमेज प्लेटफॉर्म DALL-E 2, म्यूजिक जनरेटर ज्यूकबॉक्स और रिवर्सिबल जेनरेटिव मॉडल ग्लो के को-क्रिएटर्स में से एक हैं।

ओपनएआई प्रमुख ने की तारीफ

हालाँकि, दुनिया को कम ही पता था कि GPT-4o के पीछे एक प्रतिभाशाली भारतीय, प्रफुल्ल धारीवाल हैं, यदि ओपनएआई प्रमुख सैम ऑल्टमैन ने एक्स पर इसके बारे में पोस्ट नहीं करते। दरअसल, ओपनएआई के प्रमुख सैम ऑल्टमैन ने जीपीटी-4ओ के पीछे धारीवाल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा," “जीपीटी-4ओ (GPT-4o) लंबे समय तक प्रफुल्ल धारीवाल की विजन, प्रतिभा, दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प के बिना नहीं हो पाता। इससे (कई अन्य लोगों के काम के साथ) मुझे उम्मीद है कि हम कंप्यूटर का उपयोग करने के तरीके में एक क्रांति लाएंगे।''

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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