Starlink’s India debut: Airtel-Jio के पास अपनी सैटेलाइट सर्विस, फिर स्टारलिंक से क्यों की पार्टनरशिप, जानें इसके पीछे की कहानी

Starlink’s India debut: जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel) के साथ स्टारलिंक की पार्टनरशिप की घोषणा ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया। खासकर इसलिए क्योंकि रिलायंस जियो, जिसे भारत में स्टारलिंक का प्रमुख प्रतिस्पर्धी माना जाता है, लंबे समय से सैटेलाइट संचार स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर स्पेसएक्स के साथ विवाद में है।

Jio Vs Airtel Vs Starlink

Jio Vs Airtel Vs Starlink

Starlink’s India debut: पिछले सप्ताह, भारतीय टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने एलन मस्क की स्टारलिंक के साथ पार्टनरशिप की। इसके साथ ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट स्टारलिंक की लॉन्चिंग की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। स्टारलिंक के साथ साझेदारी में दोनों कंपनियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह समझौता स्पेसएक्स द्वारा भारत में स्टारलिंक को ऑपरेट करने के लिए आवश्यक विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने पर निर्भर है। चलिए समझते हैं कि स्टारलिंक और भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का साथ आने के पीछे असली वजह क्या है। वहीं ये भी देखेंगे स्टारलिंक के भारत आने की शुरुआती कहानी क्या है।

Jio Vs Airtel Vs Starlink

जियो और एयरटेल के साथ स्टारलिंक की पार्टनरशिप की घोषणा ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया। खासकर इसलिए क्योंकि रिलायंस जियो, जिसे भारत में स्टारलिंक का प्रमुख प्रतिस्पर्धी माना जाता है, लंबे समय से सैटेलाइट संचार स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर स्पेसएक्स के साथ विवाद में है। यानी स्टारलिंक के भारत आने को लेकर जियो ने ही सबसे ज्यादा विरोध किया था। इसके अलावा एयरटेल और जियो के पास पहले से ही अपनी सैटेलाइट कंपनियां (एयरटेल यूटेलसैट वनवेब और जियो एसईएस) है। बड़ा सवाल यह है कि ये दोनों कंपनियां, जिनके पास अपने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड वेंचर हैं - एयरटेल के पास यूटेलसैट वनवेब और जियो के पास एसईएस है- स्पेसएक्स के साथ साझेदारी क्यों करेंगी।

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इस पार्टनरशिप के क्या मायने

भारती एयरटेल और रिलायंस जियो दोनों ने ही अपनी प्रेस रिलीज में लगभग एक जैसी बातें कहीं, जिसमें भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए स्पेसएक्स के साथ उनके सहयोग की बात कही गई थी। समझौते में यह भी पता लगाया जाएगा कि जियो और एयरटेल स्टारलिंक की सर्विस को कैसे कॉम्पिलिमेंट बना सकती हैं।

भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल अपने रिटेल आउटलेट और ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से स्टारलिंक उपलब्ध कराने की योजना बना रही हैं, जिसका ध्यान पूरे भारत में बिजनेस, स्कूल, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के समुदायों को हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करना है।

स्टारलिंक को क्या होगा फायदा

कई एक्सपर्ट का मानना है कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन के ग्लोबल लीडर स्टारलिंक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए जियो और एयरटेल के ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकता है। इस साझेदारी को कई लोग भारत में स्टारलिंक के आधिकारिक प्रवेश के रूप में देख रहे हैं, जिसको लेकर एलन मस्क 2021 से कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, यह संभावना भी जताई जा रही है कि स्टारलिंक डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विस के लिए भारतीय टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी कर सकता है, जैसा कि उसने अन्य देशों में किया है।

कैसे काम करती है स्टारलिंक

यह पहला मौका नहीं है जब स्टारलिंक ने टेलीकॉम कंपनियों से साथ साझेदारी की हो। स्टारलिंक ने पहले ही सैटेलाइट कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए टी-मोबाइल (यूएस), रोजर्स (कनाडा), ऑप्टस (ऑस्ट्रेलिया) और केडीडीआई (जापान) जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी की है। अब भारत में स्टारलिंक ने लॉन्चिंग और सर्विस के लिए जियो और एयरटेल का हाथ थामा है।

कई विश्लेषकों का अनुमान है कि सैटेलाइट संचार में वैश्विक नेता स्टारलिंक अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए जियो और एयरटेल के ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठा सकता है। इस सहयोग को कई लोग स्टारलिंक के भारत में औपचारिक प्रवेश के रूप में देख रहे हैं, एक ऐसा बाजार जिस तक एलन मस्क 2021 से पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी भी संभावनाएं हैं कि स्टारलिंक डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सेवाओं के लिए भारतीय दूरसंचार प्रदाताओं के साथ सहयोग कर सकता है जैसा कि उसने अन्य देशों में किया है।

भारतीय टेलीकॉम कंपनियों पर प्रभाव

शुरुआती तौर पर, जियो और एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए कोई तत्काल खतरा नजर नहीं आता। इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, यह साझेदारी उनकी मौजूदा ब्रॉडबैंड सर्विस, जैसे जियो फाइबर और एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर, के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं देखी जा रही है। इसके बजाय, यह सहयोग उन क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा, जहां फाइबर-ऑप्टिक केबल बिछाना बेहद कठिन या महंगा साबित हो सकता है।

इसके अलावा, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने भी जोर देकर कहा कि सैटेलाइट इंटरनेट मुख्य रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की सर्विस करेगा, जिससे उन इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। साथ ही, सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विस आमतौर पर लोकल नेटवर्क की तुलना में अधिक महंगी होती हैं।

बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक की सैटेलाइट टेक्नोलॉजी दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोगी हो सकती है, लेकिन इसकी अधिक लागत और संभावित स्पीड में उतार-चढ़ाव के कारण यह शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के औसत उपभोक्ताओं के लिए कम आकर्षक होगी, जहां एयरटेल और जियो किफायती और विश्वसनीय ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान करते हैं। इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी जियो और एयरटेल के ब्रॉडबैंड मार्केट में हिस्सेदारी पर तत्काल प्रभाव नहीं डालेगी।

Starlink कैसे काम करता है?परंपरागत इंटरनेट सर्विस जो जमीन के नीचे पड़े फाइबर केबल्स या मोबाइल टावरों का इस्तेमाल करती हैं, उनके मुकाबले Starlink का तरीका थोड़ा अलग है। Starlink, लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का उपयोग करके इंटरनेट सर्विस देता है। जनवरी 2024 तक, SpaceX ने लगभग 7,000 स्टारलिंक सैटेलाइट्स लॉन्च की हैं, और मस्क ने हर पांच साल में नेटवर्क को नए टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करने का प्लान बना रहे हैं।

Starlink कनेक्टिविटी कैसे काम करती है?
  • Starlink डिश और राउटर की जरूरत होती है: यूजर्स को स्टारलिंक डिश और राउटर की जरूरत होती है, जो सैटेलाइट्स के साथ कनेक्ट होती है।
  • सैटेलाइट्स के साथ कनेक्ट होना: डिश अपने आप सबसे नजदीकी स्टारलिंक सैटेलाइट क्लस्टर से कनेक्ट हो जाती है, जिससे इंटरनेट की कनेक्टिविटी लगातार बनी रहती है।
  • स्थिर स्थान पर इस्तेमाल: स्टारलिंक को आमतौर पर एक स्थिर स्थान पर यूज किया जाता है, लेकिन अगर अतिरिक्त हार्डवेयर लगे, तो इसे चलती गाड़ियों, बोट्स, और हवाई जहाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इस प्रकार, स्टारलिंक का सिस्टम उन जगहों पर उपयोगी होता है जहां जमीन के नीचे के इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध नहीं होते, जैसे दूरदराज के इलाके, पहाड़ी क्षेत्र या समंदर के पास की जगहें।

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Vishal Mathel author

विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें

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