ट्विटर यूजर्स के लिए पहली पसंद क्यों बन रहा Mastodon, क्या है यह माइक्रोब्लागिंग साइट
Mastodon : इसके सर्वर अलग-अलग देशों में हैं। यूजर्स जब किसी देश, थीम और शहर का चुनाव करते हैं तो उनकी एक कम्यूनिटी बन जाता है। यूजर्स थीम के रूप में सबसे ज्यादा सोशल एवं देश के रूप में यूके का चुनाव कर रहे हैं। ब्रिटेन में सूपीरियर नेटवर्क के जरिए Mastodon एप सर्वर को चलाने वाले रेयान वाइल्ड का कहना है कि 24 घंटे में उन्हें 6000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन के आवेदन मिले।
mastodon के यूजर्स तेजी से बढ़े हैं।
- हाल के दिनों में माइक्रोब्लागिंग साइट Mastodon के यूजर्स की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है
- इसके सर्वर अलग-अलग देशों में और थीम आधारित हैं, किसी एक का मालिकाना हक नहीं
- यूजर का अकाउंट बंद करने से पहले उसे तीन महीने का नोटिस देता है, फिर अकाउंट बंद होता है
क्या है Mastodon
Mastodon भी ट्विटर की तरह दिखता है। इसके यूजर्स पोस्ट्स लिख सकते हैं। इसके पोस्ट्स को 'टूट्स' के नाम से जाना जाता है। पोस्ट पर कमेंट, रिप्लाइ और री-पोस्ट किया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स एक-दूसरे को फॉलो भी कर सकते हैं। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छह साल पुराना है लेकिन हाल के दिनों में इसके यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। नए यूजर्स के आने से कंपनी पर दबाव बढ़ने की बात कही जा रही है। Mastodon के कई सर्वर हैं और यह थीम, देश और शहर आधारित है।
अलग-अलग देशों में हैं इसके सर्वर
ये सर्वर अलग-अलग देशों में हैं। यूजर्स जब किसी देश, थीम और शहर का चुनाव करते हैं तो उनकी एक कम्यूनिटी बन जाता है। यूजर्स थीम के रूप में सबसे ज्यादा सोशल एवं देश के रूप में यूके का चुनाव कर रहे हैं। ब्रिटेन में सूपीरियर नेटवर्क के जरिए Mastodon एप सर्वर को चलाने वाले रेयान वाइल्ड का कहना है कि 24 घंटे में उन्हें 6000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन के आवेदन मिले। इसके बाद उन्हें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रोकनी पड़ी। Mastodon के बारे में बता दें कि यह कोई एक प्लेटफॉर्म नहीं है।
Mastodon पर एक व्यक्ति का मालिकाना हक नहीं
इस पर किसी एक व्यक्ति अथवा कंपनी का मालिकाना हक नहीं है। इसके अलग-अलग सर्वर एक साथ जुड़कर एक सामूहिक नेटवर्क का निर्माण करते हैं। इन सर्वरों पर अलग-अलग लोगों एवं संगठनों का नियंत्रण होता है। Mastodon की ये खासियत इसे लोकप्रिय एवं विश्वसनीय बना रही है। Mastodon की एक खासियत यह भी है कि वह अपने यूजर का अकाउंट बंद करने से पहले उसे तीन महीने का नोटिस देता है। ट्विटर के संस्थापक जैक डोरसी का कहना है कि वह एक नए माइक्रोब्लागिंग साइट ब्लूस्कॉय पर काम कर रहे हैं। डोरसी का कहना है कि उनका यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी Mastodon की तरह होगा।
Twitter के ब्लू टिक के लिए देने होंगे पैसे
Twitter का सीईओ बनने के बाद एलन मस्क बड़े-बड़े फैसले रहे हैं। उनके फैसलों से ट्विटर में उथल-पुथल मची हुई है। ट्विटर का सब्सक्रिप्शन हो या कर्मचारियों की छंटनी ये सभी चीजें लोगों में संदेह पैदा कर रही हैं। मस्क ने कहा है कि ट्विटर के इस्तेमाल पर यूजर्स को अब पैसे चुकाने होंगे। भारत में अब ब्लू टिक के लिए यूजर्स को हर महीने 8 डॉलर यानी करीब 660 रुपये देने होंगे। अलग-अलग देशों के लिए मस्क ने अलग-अलग फीस तय की है। उन्होंने यूजर्स को नए फीचर्स देने का वादा भी किया है।
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