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Josh Malihabadi Shayari: हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी, और उन की तरफ़ ख़ुदाई है.., सीधे दिल में उतरते हैं जोश मलीहाबादी के ये चुनिंदा शेर
जोश मलीहाबादी के मशहूर शेर: तबस्सुम की सज़ा कितनी कड़ी है, गुलों को खिल के मुरझाना पड़ा है
Josh Malihabadi Shayari: हद है अपनी तरफ़ नहीं मैं भी, और उन की तरफ़ ख़ुदाई है.., सीधे दिल में उतरते हैं जोश मलीहाबादी के ये चुनिंदा शेर2
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