Champawat Places to Visit: भगवान विष्णु से लेकर पांडवों ने चंपावत में बिताया था समय, ये हैं आसपास की घूमने की बढ़िया और सुंदर जगहें
Champawat Places to Visit: चंपावत एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु चंपावत में कछुए के अवतार में प्रकट हुए थे। साथ ही महाभारत के पांडवों ने अपने 12 साल के वनवास का कुछ समय चंपावत में बिताया था।
Champawat Places to Visit: चंपावत के आसपास घूमने की ये हैं बढ़िया और सुंदर जगहें।
Champawat Places to Visit: घूमने (Travel) के शौकीन लोगों के लिए उत्तराखंड (Uttarakhand) बेस्ट ऑप्शन है। उत्तराखंड का ट्रैवल प्लान (Uttarakhand Travel Plan) बनाते समय आपको घूमने के कई सारे ऑप्शन मिलेंगे। घूमने के लिए आपको चंपावत (Champawat) को अपने ट्रैवल प्लान में जरूर शामिल करना चाहिए। दरअसल चंपावत एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) चंपावत में कछुए के अवतार में प्रकट हुए थे। साथ ही महाभारत के पांडवों ने अपने 12 साल के वनवास का कुछ समय चंपावत में बिताया था।इसके अलावा चंपावत को अपनी राजधानी बनाने वाले चंद शासकों ने यहां कई मंदिरों का निर्माण भी कराया, जो आज भी यहां देखे जा सकते हैं। साथ ही चंपावत राज्य की विधानसभा सीट (Champawat Assembly Seat) भी है, जहां से विधायक खुद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) विधायक हैं। चंपावत नेपाल सीमा (Nepal Border) के पास है। चंपावत में घूमने की कई सारी (Tourist Places in Champawat) जगहें हैं। सिर्फ चंपावत ही नहीं, उसके आसपास भी घूमने की कई सारी जगहें हैं। आज इसी को लेकर हम आपको चंपावत के आसपास घूमने की कुछ ऐसी जगहों के बारे में आपको बताएंगे, जहां आपको जरूर जाना चाहिए।
चंपावत के आसपास घूमने की बढ़िया और सुंदर जगहें ( Tourist Places Near Champawat)
लोहाघाट (Lohaghat)
चंपावत से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित लोहाघाट एक सुंदर हिल स्टेशन है। देश के कई हिस्से से टूरिस्ट यहां घूमने आते हैं। यहां का मौसम आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। हालांकि इस हिल स्टेशन पर बाकी फेमस हिल स्टेशनों की तुलना में भीड़ कम है, लेकिन वीकेंड में यहां काफी भीड़ रहती है। लोहावती नदी के तट पर और 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लोहाघाट सबसे कम खोजे गए हिमालयी स्थानों में से एक है। चंपावत आने पर आपको घूमने के लिए यहां जरूर जाना चाहिए।
रीठा साहिब (Reetha Sahib)
चंपावत से लगभग 72 किलोमीटर दूर स्थित रीठा साहिब सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। ये भी कहा जाता है कि गुरु नानक पहले यहां आए थे। गुरुद्वारा दिउरी गांव के पास लोधिया और रतिया नदियों के संगम पर स्थित है। सिख धर्म के अलावा बाकी धर्मों के लोग भी इस गुरुद्वारे में आते हैं।
पूर्णागिरी मंदिर (Purnagiri Temple)
पूर्णागिरि मंदिर चंपावत से 92 किलोमीटर दूर स्थित है। पूर्णागिरि मंदिर में सालभर देश के सभी हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं। पूर्णागिरि से काली नदी मैदानी इलाकों में उतरती है और शारदा के नाम से जानी जाती है। पूर्णागिरि मंदिर का त्योहारी सीजन आम तौर पर मार्च-अप्रैल के नवरात्रि सीजन के दौरान शुरू होता है।
मायावती आश्रम (Mayawati Ashram)
मायावती आश्रम चंपावत से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये समुद्र तल से 1940 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और भारत और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। स्वामी विवेकानन्द ने 1901 में अपनी मायावती यात्रा के दौरान अपने प्रकाशन कार्यालय 'प्रबुद्ध भारत' को मद्रास से मायावती आश्रम में ट्रांसफर करने का फैसला लिया था।
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