Gangotri National Park: एडवेंचर का अब नहीं करना होगा इंतजार, घूम आइए उत्तरकाशी की गोद में बसा ये शानदार नेशनल पार्क
Gangotri National Park (गंगोत्री नेशनल पार्क): उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में मौजूद गंगोत्री नेशनल पार्क एक खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान है, जो साहसी और रोमांचित लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। ठंड की वजह से ये पार्क बंद था, लेकिन 1 अप्रैल को ये पुनः खुल गया है। ऐसे में आज हम आपको इस अद्भुत नेशनल पार्क की कुछ दिलचस्प टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में बताएंगे।

Gangotri National Park Tourist Places
Gangotri National Park (गंगोत्री नेशनल पार्क): गंगोत्री नेशनल पार्क, जो साहस और रोमांच के लिए देश-विदेश के यात्रियों को आकर्षित करता है, 1 अप्रैल 2025 एक बार फिर खुल चुका है। ये उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में मौजूद है और लगभग 2,390 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा नेशनल पार्क बनाता है। इसके उत्तर-पूर्व में भारत-चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमा, पश्चिम में गोविंद नेशनल पार्क और दक्षिण में केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित है। इस पार्क की विशेषता इसकी विविध भौगोलिक संरचना है जहां एक ओर बर्फ से ढकी हुई हिमालय की ऊंची चोटियां हैं और वहीं दूसरी ओर गहरी घाटियां, खड़ी चट्टानें और ग्लेशियर भी मौजूद हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क हिम तेंदुए का प्राकृतिक आवास माना जाता है। इसके अलावा यहां काले भालू, भूरे भालू, हिरन, भरल, हिमालयन मोनाल जैसे कई अन्य दुर्लभ वन्यजीव पाए जाते हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, इस पार्क में अब तक स्तनधारियों की 15 प्रजातियों और पक्षियों की 150 प्रजातियों का प्रमाण मिलता है। चलिए गंगोत्री नेशनल पार्क की फेमस टूरिस्ट प्लेसेस के बारे जानते हैं।
गंगोत्री नेशनल पार्क की टूरिस्ट प्लेसेस (Gangotri National Park Tourist Places)
गरतांग गली
भारत-तिब्बत के पुराने व्यापारिक मार्ग की गवाही देती गरतांग गली का वर्ष 2021 में सीढ़ीनुमा रास्ते के रूप में जीर्णोद्धार कर पुनः उद्घाटन किया गया, जिसके बाद ये पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया है। यहां सबसे अधिक लोग स्काई वॉक के लिए और इस ऐतिहासिक गली की भव्यता को देखने के लिए आते हैं।
नेलांग घाटी
चीन सीमा से सटी ये घाटी भौगोलिक रूप से लद्दाख और स्पीति जैसी लगती है। ट्रांस-हिमालय क्षेत्र में स्थित इस घाटी में ऊंचे-ऊंचे पहाड़ तो हैं लेकिन हरियाली कम है। इसी कारण इसे उत्तराखंड का लद्दाख या छोटा लद्दाख भी कहा जाता है। आजकल ये घाटी एडवेंचर लवर्स के लिए एक खास जगह बन चुकी है।
केदारताल
गंगोत्री से केदारताल तक जाने वाला ये ट्रेक काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन बेहद खूबसूरत है। समुद्र तल से लगभग 4,750 मीटर (15,584 फीट) की ऊंचाई पर स्थित ये झील ट्रेकर्स के बीच रोमांच का प्रमुख केंद्र है। गंगोत्री से ट्रेक की शुरुआत कर ट्रेकर भोजखरक और केदारखरक होते हुए केदारताल पहुंचते हैं। ये ट्रेक बर्फीली चोटियों के बीच से गुजरते हुए रोमांचक अनुभव देता है।
कालिंदीखाल ट्रेक
गढ़वाल हिमालय में गंगोत्री से बदरीनाथ तक जाने वाला ये ट्रेक देश के सबसे कठिन ट्रेकिंग मार्गों में से एक है। इसमें ट्रेकर्स को समुद्र तल से लगभग 5,950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कालिंदी खाल दर्रा पार करना होता है। इस ट्रेक के रास्ते में कई घाटियों, ग्लेशियरों और ऊंची चोटियों का सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है।
दो नए ट्रेक्स की होगी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मार्च को अपने हर्षिल और मुखवा दौरे के दौरान गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में चीन सीमा पर स्थित दो नए ट्रेक्स, जादूंग से जनकताल और नीलापानी से मुलिंग-ला का शुभारंभ किया। जादूंग से जनकताल का ट्रेक सरल है वहीं नीलापानी से मुलिंग-ला ट्रेक लगभग 25 किलोमीटर लंबा और कठिन है। इन दोनों ट्रेक्स पर ट्रेकिंग की अनुमति मई से अक्टूबर के बीच में मिलने की संभावना है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। यात्रा (Travel News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

बस वोटर आईडी दिखाकर घूम आएं इस देश, पूरा होगा विदेश घूमने का सपना

IRCTC Tour Package: पूरा होगा विदेश घूमने का सपना, 7 दिन की है ट्रिप, जानिए डिटेल

किलों से क्रूज तक IRCTC संग घूमो गोवा, 5 दिन में लो पूरा मजा, बस इतने रुपये में हो जाएगा बढ़िया सैर-सपाटा

अब घूमो नया हिमाचल, वो भी देखो जो अभी तक नहीं देखा, पर्यटकों के लिए खुले ऐसे नजारे कि पलक झपकना ही भूल जाएंगे

मसूरी-शिमला जाने वाले जाम से बेहाल, आधा दिन तो लाइन में ही बीत जाएगा, क्या इस समय पहाड़ों पर जाना ठीक है
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited