Hemkund Sahib Yatra 2024: मई की इस तारीख से शुरू होगी श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा, दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु इन चीजों को जरूर ले जाएं साथ

Hemkund Sahib Yatra 2024: श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है। इस साल श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू होगी, जो 10 अक्टूबर को समाप्त होगी।

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Hemkund Sahib Yatra 2024: 25 मई से शुरू होगी श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा।

Hemkund Sahib Yatra 2024: श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) की गिनती सिखों के प्रमुख तीर्थस्थल में की जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा (Hemkund Sahib Yatra 2024) पर आते हैं। साल 2024 के लिए श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा (Hemkund Sahib Yatra) 25 मई से शुरू होगी, जो 10 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस यात्रा में देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा गिनती सिख धर्म के लोगों की होती है। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा आसान नहीं है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं को काफी चलना पड़ता है। श्री हेमकुंड साहिब बदरीनाथ धाम के नजदीक है।

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करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है श्री हेमकुंड साहिब

श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से करीब 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है। श्री हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू होने से एक या दो दिन पहले गोविंद घाट से गोविंद धाम तक और गोविंद धाम से गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब तक नगर कीर्तन निकाला जाएगा।

मई महीने में श्री हेमकुंड साहिब का मौसम सुहावना और साफ रहता है। श्री हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को रेनकोट, फर्स्ट एड किट, विंड-शीटर, पानी की बोतल, स्वेटर, टॉर्च, दस्ताने और कपड़े के जूते जैसी आवश्यक सामग्री साथ में जरूर रखनी चाहिए। बरसात के मौसम में श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा में काफी दिक्कतें आती हैं।

भारत समेत दुनियाभर से हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं श्री हेमकुंड साहिब

श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है, बल्कि ऊंचाई और चुनौतीपूर्ण इलाके के कारण शारीरिक रूप से भी काफी ज्यादा कठिन है। गोविंद घाट से करीब 19 किलोमीटर कठिन रास्ते के बावजूद हर साल भारत समेत दुनियाभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने के लिए यहां पहुंचते हैं। श्री हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी।

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    TNN लाइफस्टाइल डेस्क author

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