How to reach Chota Kailash: छोटा कैलाश पर भगवान शिव-पार्वती ने गुजारा था समय, महाशिवरात्रि पर ऐसे पहुंच सकते हैं यहां

How to reach Chota Kailash: महाशिवरात्रि-शिवरात्रि के दिन छोटा कैलाश में भोले के भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ उमड़ती है। यहां के सुंदर नजारे देख आप इस जगह के फैन हो जाएंगे। आज महाशिवरात्रि के मौके पर आपको यहां जरूर पहुंचना चाहिए।

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How to reach Chota Kailash: महाशिवरात्रि पर छोटा कैलाश पहुंचने का ये है सबसे आसान रास्ता।

How to reach Chota Kailash: भगवान शिव (Lord Shiva) का त्योहार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) आज, यानी 8 मार्च को देशभर में मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के खास मौके पर भक्त शिव मंदिरों (Shiva Temples) और शिवालय में जाकर भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। देशभर के सभी राज्यों में भगवान शिव के मंदिर (Shiva Temples in India) हैं। इस बार महाशिवरात्रि शुक्रवार के दिन है, जिसके चलते वीकेंड 3 दिन का हो गया है। अगर आप इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर किसी हिल स्टेशन में जाने का सोच रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जो अपने आप में खास है। दरअसल ये खास जगह भगवान शिव से जुड़ी हुई है और ये जगह देवभूमि उत्तराखंड में है।

लॉन्ग वीकेंड में घूमने के लिए ये जगह है सस्ती और सुंदर, परिवार और दोस्तों संग जरूर बनाएं प्लान

ये खास जगह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है। आप यहां पर आकर पहाड़ की सुंदर वादियों के साथ-साथ भगवान शिव के दर्शन कर अपने पूरे परिवार पर उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। इस खास जगह का नाम छोटा कैलाश है। सावन और माघ महीने में यहां भक्तों का आना-जाना काफी बढ़ जाता है। महाशिवरात्रि-शिवरात्रि के दिन छोटा कैलाश मंदिर में भोले के भक्तों की काफी ज्यादा भीड़ उमड़ती है। यहां के सुंदर-सुंदर नजारे देखकर आप इस जगह के फैन हो जाएंगे। आप अगर आज महाशिवरात्रि के मौके यहां आने का प्लान कर रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं।

भीमताल में आता है छोटा कैलाश मंदिर

भगवान शिव का छोटा कैलाश मंदिर हिल स्टेशन भीमताल में पड़ता है। छोटा कैलाश मंदिर शानदार प्राकृतिक सुंदरता वाली जगह है। महाशिवरात्रि, शिवरात्रि समेत कई प्रमुख हिंदू त्योहारों में यहां भक्तों को मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त यहां भोलेनाथ के दर्शनों के लिए आते हैं। लोग यहां आने के लिए तड़के सुबह ही निकल जाते हैं। जैसै-जैसे दिन बढ़ता है, यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। अगर यहां आपको आना है तो आपको सुबह जल्दी यहां पर पहुंचना होगा।

मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है 5 किलोमीटर

अगर आप यहां आना चाह रहे हैं तो आपको सबसे पहले हल्द्वानी पहुंचना होगा। हल्द्वानी आप आसानी से ट्रेन, प्राइवेट या सरकारी बस, प्राइवेट टैक्सी या फिर खुद अपनी बाइक या कार से आ सकते हैं। हल्द्वानी पहुंचने के बाद आपको काठगोदाम के रास्ते से भीमताल वाले रूट में थोड़ा आगे बढ़ने के बाद अमृतपुर वाले रास्ते से बोरसा होते हुए पिनोर गांव तक पहुंचना होगा। इसके बद पिनोर गांव से करीब 5 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा के बाद आप पहाड़ी के शिखर पर पहुंचते हैं, जहां एक प्राचीन शिव मंदिर है जो छोटा कैलाश नाम से काफी ज्यादा फेमस है। छोटा कैलाश में मौसम ठंडा रहता है तो ज्यादा ठंड वाले कपड़े जरूर पहनकर आएं।

कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ सतयुग काल में छोटा कैलाश आए थे। अपनी हिमालय यात्रा के दौरान भगवान शिव और पार्वती ने छोटा कैलाश के पर्वत की चोटी पर विश्राम किया था। तब से महादेव की धूनी के कारण ही यहां अखंड धूनी जलती है। ऐसा कहा जाता है कि यहां दर्शन करने और शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। अपनी मन्नत पूरी होने पर भक्त यहां घंटियां और चांदी के छत्र चढ़ाते हैं।

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    TNN लाइफस्टाइल डेस्क author

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