Kedarnath Jyotirlinga Temple: भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है केदारेश्वर, दिल्ली से ऐसे पहुंच सकेंगे केदारनाथ धाम

Kedarnath Jyotirlinga Temple in Uttarakhand Best Time to Visit, Timings, Nearby Places: देश के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक केदारनाथ मंदिर, केदार पर्वत पर 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां दूर-दूर से भक्त भगवान शिव के दर्शनों के लिए आते हैं।

Kedareshwar Jyotirlinga: भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है केदारेश्वर।

Kedarnath Jyotirlinga Temple in Uttarakhand Best Time to Visit, Timings, Nearby Places: भगवान शिव को कई अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत समेत दुनियाभर में भगवान शंकर के कई सारे मंदिर और शिवालय हैं। भगवान शंकर (Lord Shankar) का ज्योतिर्लिंग हिंदुओं (Hindus) के बीच काफी ज्यादा पूजनीय है। भगवान शंकर के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में केदारेश्वर, सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर शामिल हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शंकर ज्योति के रूप में स्वयं विराजमान हैं। सभी ज्योतिर्लिंग भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं। ऐसे में आज हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारेश्वर (केदारनाथ) (Kedareshwar Jyotirlinga) के बारे में बताएंगे। साथ ही ये भी बताएंगे कि आप यहां कैसे और कब (Travel) जा सकते हैं। इस साल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख और शुभ मुहूर्त की घोषणा महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के दिन 8 मार्च, यानी आज की जाएगी।

12,000 फीट की ऊंचाई पर रुद्र हिमालय श्रृंखला पर स्थित है केदारनाथ

भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक केदारनाथ मंदिर केदार नामक पर्वत पर 12,000 फीट की ऊंचाई पर रुद्र हिमालय श्रृंखला पर स्थित है। रुद्र हिमालय श्रृंखला में 1,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग को हिंदू धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है। बेहद ठंडे मौसम और बर्फबारी के कारण मंदिर सर्दियों के दौरान 6 महीने के लिए पूरी तरह से बंद रहता है और अप्रैल से लेकर नवंबर तक ही खुला रहता है।

केदारनाथ पर पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी

केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री सबसे पहले पवित्र जल लेने के लिए गंगोत्री और यमुनोत्री जाते हैं, जिसे वे केदारनाथ शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। किंवदंतियों के अनुसार नर और नारायण - भगवान विष्णु के दो अवतारों की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इस ज्योतिर्लिंग के रूप में केदारनाथ में स्थायी निवास किया। लोगों का मानना है कि केदारनाथ मंदिर पर पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। अगर आप भी भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ जाने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं। हम आपको दिल्ली से केदारनाथ आने का रूट प्लान बता रहे हैं।

Kedarnath Dham

तस्वीर साभार : iStock

ऐसे पहुंच सकेंगे केदारनाथ:-

सड़क से केदारनाथ का रूट-
देश की राजधानी दिल्ली से केदारनाथ तक का रूट मैप के तहत आपको सबसे पहले आपको अपने पहले पड़ाव के रूप में हरिद्वार आना होगा। हरिद्वार आने के बाद ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचोली के बाद केदारनाथ पहुंचते हैं। केदारनाथ रूट में सड़क मुख्य रूप से गौरीकुंड तक ही है, जहां से मुख्य मंदिर क्षेत्र में 16 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। आप ये चढ़ाई को पैदल चलकर भी पार कर सकते हैं। इसके अलावा आप घोड़े, खच्चर या डोली में बैठकर भी केदारनाथ पहुंच सकते हैं। हमारी सलाह है कि अगर आप फिट हैं तो आपको खुद चलकर ही केदारनाथ जाना चाहिए।
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