चीतों का नया ठिकाना बनेगा Gandhi Sagar Sanctuary, कूनो के बाद यहां होगा नया घर
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गांधी सागर अभयारण्य चीतों को फिर से लाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से काम कर रही हैं। यह पहल कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाद गांधी सागर को चीतों की मेजबानी करने वाला भारत का दूसरा स्थान बना देगा।
Gandhi Sagar Sanctuary
Gandhi Sagar Sanctuary: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गांधी सागर अभयारण्य द्वारा बड़ा कदम उठाया जा रहा है। गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को फिर से शामिल किया जाएगा। गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट 3.0 कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान इसकी घोषणा की गई है। ऐसे में यह कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाद चीतों की मेजबानी के लिए भारत का दूसरा स्थान बन जाएगा।
मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें मध्य प्रदेश के गांधीसागर और राजस्थान के कोटा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। उम्मीद है कि यह पहल ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करेगी और दोनों क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता का विकास करेगी।
कोटा से गांधी सागर की निकटता को देखते हुए, राजस्थान के पर्यटकों को मध्य प्रदेश के नजदीकी स्थलों की यात्रा के लिए भी ये बेहतर जगह होगी। मालूम हो कि गांधी सागर अभयारण्य चंबल नदी के तट पर बसा हुआ है जो अपनी सुंदर प्राकृतिक छटा, हरे-भरे जंगलों के लिए जाना जाता है। नीलगाय, तेन्दुआ, चीतल, भेड़िया, चिंकारा इस अभयारण्य में कई दुर्लभ जानवरों में से एक हैं।
बता दें कि हाल ही में Kuno National Park जो मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है को अफ्रीकी चीतों के पुनर्वास के लिए चुना गया था। यह भारत के प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्यों में से एक है। यह पार्क अपने समृद्ध जैव विविधता के साथ-साथ एशियाई शेरों के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए भी काफी फेमस है।
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नवाबों के शहर लखनऊ का रहने वाला हूं और मिजाज नए जमाने वाले रखता हूं। 6 साल से मीडिया में काम कर रहा...और देखें
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