Vivekananda Rock Memorial: खास है रॉक मेमोरियल का सनसेट, स्वामी विवेकानंद ने यहीं लगाया था ध्यान, फैमिली और फ्रेंड्स संग बनाएं घूमने का प्लान
Swami Vivekananda Rock Memorial: बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर के संगम पर बने इस रॉक मेमोरियल से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। यहां से सूरज को उगते और डूबते देखने का अनुभव करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
Swami Vivekanand Rock Memorial Trip Plan
Swami Vivekananda Rock Memorial Trip: लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) का महासमर अपने अंतिम पड़ाव पर है। 2 जून को आखिरी चरण का मतदान होगा। 30 मई को प्रचार का शोर थम जाएगा। प्रचार के समापन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi At Vivekanand Rock Memorial) 2 दिनों तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के समापन के बाद भी पीएम करीब 40 घंटे के लिए ध्यान मग्न हुए थे। तब वह केदारनाथ धाम की एक गुफा में गए थे। इस बार उन्होंने भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित मशहूर विवेकानंद रॉक मेमोरियल को चुना है। यह रॉक मेमोरियल ठीक उसी जगह बना है जहां 25 से 27 दिसंबर 1892 तक स्वामी विवेकानंद ने साधना की थी।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहाससाल 1970 में स्वामी विवेकानंद के जन्म शताब्दी के अवसर पर सरकार ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल का निर्माण कराया था। हालांकि स्मारक का शिलान्यास 1963 में ही भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन ने कर दिया था। जैसा की नाम से मालूम होता है यहां एक चट्टान है। शिकागो में दिये गए अपने ऐतिहासिक भाषण से पहले तीन दिनों तक इसी चट्टान पर स्वामी विवेकानंद ने तीन दिनों तक ध्यान किया था। इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक तब इसे लगभग 10 लाख रुपये खर्च करके इसका निर्माण किया गया था। जनवरी 1972 में ‘विवेकानंद केंद्र’ नाम के एक संगठन बनाई गई। यही संगठन विवेकानंद शिला स्मारक को मैनेज करता है।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल में क्या देखेंविवेकानंद रॉक मेमोरियल की खूबसूरती किसी का भी मन मोह सकती है। बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर के संगम पर बने इस रॉक मेमोरियल से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। यहां से सूरज को उगते और डूबते देखने का अनुभव करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। जो विवेकानंद के जीवन और उनके सिद्धांतों को समझने की लालसा रखता है उनके लिए यह जगह परफेक्ट है। दरअसल यहां एक विवेकानंद केंद्र पुस्तकालय जिसमे स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्यों से संबंधित पुस्तकों का सबसे अच्छा संग्रह है। इसके अलावा यहां स्वामी विवेकानंद को समर्पित एक मंदिर है जिसमें सफेद संगमरमर की उनकी भव्य प्रतिमा ल गाई गई है। यहां विवेकानंद मंडप है जिसमें ध्यान कक्ष है। इसी जगह पर पीएम मोदी ध्यान साधना करेंगे। परिसर में ही एक पोस्ट ऑफिस भी है जहां से आप अपनों को पोस्टकार्ड भेज सकते हैं।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल के पास घूमने की जगहेंअगर आपने विवेकानंद रॉक मेमोरियल घूमने का प्लान किया है तो आप इसके बेहद पास की कई जगहें घूम सकते हैं। रॉक मेमोरियल से मात्र 1.6 किमी की दूरी पर स्थित है तिरुवल्लुवर मूर्ति। 133 फीट ऊंची तमिल कवि वल्लुवर की यह पत्थर की मूर्ति टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र है। वहीं रॉक मेमोरियल से करीब 3 मिनट की दूरी पर है अवर लेडी ऑफ रैनसम श्राइन। सफेद रंग का यह कैथोलिक चर्च गॉथिक रिवाइवल शैली में बना है। पर्यटकों के लिए यह एक शांत और सुंदर जगह साबित हो सकती है।
कितने का है विवेकानंद रॉक मेमोरियल का टिकटविवेकानंद रॉक मेमोरियल सप्ताह के सातों दिन सुबह 8 से शाम 4 बजे तक खुला रहता है। यहां जाने के लिए 20 रुपए बतौर एंट्री फीस लगती है। अगर आप फेरी राइड ले रहे हैं तो आपको 50 रुपए प्रति व्यक्ति देने होंगे। वहीं अगर आप स्पेशल फेरी टिकट लेना चाहते हैं तो आपको 200 रुपए खर्च करने होंगे।
कैसे बुक करें टिकटआप टिकट ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरीकों से बुक कर सकते हैं। ऑनलाइन टिकट के लिए आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल के आधिकारिक वेबसाइट https://kanyakumaritourism.in/vivekananda-rock-memorial-kanyakumari पर जाना होगा। आपको सलाह दी जाती है कि ऑफलाइन टिकट के लिए लंबी कतारों से बचने के लिए आप टिकट ऑनलाइन बुक कराएं तो बेहतर है।
कब जाना सबसे सहीकन्याकुमारी में ज्यादातर गर्मी पड़ती है। बारिश भी खूब होती है। तो अगर आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट घूमने का प्लान कर रहे हैं तो सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। इन दिनों मौसम बाकी साल के मुकाबले अपेक्षाकृत राहत भरा होता है। तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है और बारिश भी कम होती है। इन दिनों में आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें
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