Mahakumbh 2025: कुंभ स्नान के बाद नहीं कर पाएंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन! बनारस का भी है प्लान तो जान लें ये जरूरी बात
प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के बाद बहुत से लोग वहां से बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भी पहुंचते हैं। यदि आप भी ऐसा ही प्लान बना रहे हैं, तो ये लेख आपको पूरा पढ़ना चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मंदिर प्रशासन ने एक खास तरह के दर्शन पर कुछ समय के लिए रोक लगाई है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
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Kashi Visit After Kumbh: प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच आस्था के महापर्व महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। जहां रोजाना लाखों लोग स्नान करने पहुंच रहे हैं। वहीं बात करें कुछ खास दिनों की तो उन दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों में पहुंच रही है। इतनी भारी संख्या में पहुंच रहे लोगों के लिए प्रशासन ने किए सभी इंतजाम कम पड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं कुछ लोग कुंभ में स्नान के बाद बनारस पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन भी करना चाहते हैं। यदि आपका भी ऐसा ही प्लान बना हैं, तो हमारा ये लेख ध्यान से पढ़ना चाहिए। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन में इसके लिए एक एडवाइजरी जारी की है। आइए जानते हैं क्या हुआ है दर्शन में बदलाव?
दर्शन पर लगाई रोक!
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 26 फरवरी तक 'स्पर्श दर्शन' पर रोक लगा दी है। प्रशासन की मानें तो यह नियम भीड़ को देखते हुए बनाया गया है। स्पर्श दर्शन की जगह अब भक्तों को झांकी दर्शन कराए जाएंगे ताकि मंदिर में लोगों की एक साथ बहुत अधिक संख्या एकत्र न हो।
क्या है झांकी दर्शन?
बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन की बात करें तो इन दर्शन में भक्त बाबा के दर्शन और पूजन दूर से ही कर पाएंगे। ऐसे में उन्हें शिवलिंग को पास से छूने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सावन और महाशिवरात्रि के बड़े पर्व में मंदिर प्रशासन दर्शन के इस प्रोटोकॉल को काफी समय से फॉलो कर रहा है।
प्रयागराज से बनारस की दूरी कितनी है?
कुंभ स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना इसलिए भी बहुत से लोग प्लान करते हैं, क्योंकि प्रयागराज से बनारस की दूरी महज 135 किलोमीटर है। यहां आप सड़क के रास्ते केवल 3 घंटे का सफर करके पहुंच सकते हैं। वहीं प्रयागराज से बनारस जाने के लिए लगातार ट्रेन भी आसानी से उपलब्ध होती हैं।
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