Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple: महाराष्ट्र के नासिक में है त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाशिवरात्रि पर लगता है भक्तों का मेला

Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple in Maharashtra Best Time to Visit, Timings, Nearby Places: त्र्यंबकेश्वर मंदिर पवित्र गोदावरी नदी का स्रोत भी है। यहां मौजूद लिंग को त्र्यंबक या त्रयंबक कहा जाता है। आज महाशिवरात्रि पर यहां भोले के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple: महाराष्ट्र के नासिक में है त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग।

Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple in Maharashtra Best Time to Visit, Timings, Nearby Places: त्र्यंबकेश्वर मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple) महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) में स्थित है। ये देश के 12 और महाराष्ट्र के 5 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga) भगवान शिव (Lord Shiva) के एक रूप को समर्पित है और सभी ज्योतिर्लिंगों की तरह इसे स्वयंभू के रूप में पूजा जाता है। ये मंदिर पवित्र गोदावरी नदी का स्रोत भी है।

यहां मौजूद लिंग को त्र्यंबक या त्रयंबक कहा जाता है। इसका ये नाम इसलिए रखा गया है, क्योंकि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन लिंग हैं। कुछ लोग ऐसा इसलिए भी मानते हैं क्योंकि भगवान शिव की तीन आंखें हैं। अगर आप भी त्र्यंबकेश्वर मंदिर आने का प्लान (Travel) बना रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं। साथ ही आपको ये भी बताएंगे यहां आने का सही समय, मंदिर खुलने का समय, आसपास घूमने की जगहें और यहां रहने और खाने की व्यवस्था। आज महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) के मौके पर आप यहां सपरिवार आकर भोलेनाथ (Mahashivratri) के दर्शन कर उनसे अपने परिवार के लिए आशीर्वाद पा सकते हैं।

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सड़क के रास्ते कैसे पहुंचे त्र्यंबकेश्वर मंदिर (How to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple by Road)अगर आप सड़क के रास्ते त्र्यंबकेश्वर मंदिर आने की सोच रहे हैं तो आप आसानी से आ सकते हैं। आप अपनी कार को खुद चलाकर यहां आ सकते हैं। इसके अलावा आप प्राइवेट टैक्सी या प्राइवेट या सरकारी बस से भी यहां पहुंच सकते हैं। औरंगाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर समेत कई शहरों से यहां के लिए डायरेक्ट बसें हैं।

ट्रेन के रास्ते कैसे पहुंचे त्र्यंबकेश्वर मंदिर (How to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple by Train)ट्रेन से भी आप त्र्यंबकेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर के सबसे पास का रेलवे स्टेशन नासिक है, जो मंदिर से 30 किलोमीटर दूर है। नासिक रेलवे स्टेशन देश के कई शहरों से जुड़ा हुआ है और रोज यहां कई ट्रेनें आती और जाती हैं। नासिक रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, टैक्सी या बस से मंदिर पहुंच सकते हैं।

फ्लाइट से कैसे पहुंचे त्र्यंबकेश्वर मंदिर (How to reach Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple by Flight)त्र्यंबकेश्वर मंदिर के सबसे पास का एयरपोर्ट नासिक है, जो त्र्यंबकेश्वर मंदिर से 54 किलोमीटर दूर है। नासिक एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद आप आसानी से टैक्सी या बस लेकर त्र्यंबकेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं।

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त्र्यंबकेश्वर मंदिर खुलने का समय और पूजा (Trimbakeshwar Temple Opening Timings and Puja)त्र्यंबकेश्वर मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलता है और रात 9:00 बजे बंद हो जाता है। रुद्राभिषेक का समय सुबह 7:00 बजे से 8:30 बजे तक है। 5 मीटर की दूरी से सामान्य दर्शन की अनुमति है। केवल विशेष पूजा करने वाले पुरुषों को ही आंतरिक गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है। सामान्य दर्शन फ्री है, वहीं वीआईपी दर्शन के लिए 250 रुपए देने होंगे। यहां होने वाली पूजा में कालसर्प पूजा, नारायण नागबली पूजा, महामृत्युंजय पूजा, रुद्राभिषेक है। साथ ही त्र्यंबकेश्वर मंदिर में गंगा पूजा, गंगा भेट और तर्पण श्राद्ध जैसी पूजाएं भी की जाती हैं ताकि पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर आने का सही समय (Best time to visit Trimbakeshwar Temple)त्र्यंबकेश्वर मंदिर आने का सबसे बढ़िया समय जून से अगस्त के बीच का है।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मनाए जाने वाले खास त्योहार (Special festivals celebrated in Trimbakeshwar Temple)त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि, कुंभ मेला, श्रावण मास जैसे कई त्योहार मनाए जाते हैं।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर के आसपास घूमने वाली जगहें (Places To Visit Around Trimbakeshwar Temple)त्र्यंबकेश्वर मंदिर के आसपास घूमने वाली जगहों में केदारेश्वर मंदिर, निवृत्तनाथ मंदिर, कुशावर्त, श्री नीलाम्बिका मंदिर/दत्तात्रेय मंदिर, अंजनेरी मंदिर, ब्रह्मगिरी पहाड़ी, अहिल्या संगम तीर्थ आदि है।

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त्र्यंबकेश्वर मंदिर में रहने और खाने की व्यवस्था (Accommodation and food arrangements at Trimbakeshwar Temple)त्र्यंबकेश्वर मंदिर के आसपास रहने के लिए छोटे होटल, लॉज, धर्मशाला आदि है। हालांकि मंदिर से 25 किलोमीटर की दूरी पर आपको ज्यादा बढ़िया होटल मिल जाएंगे और आप अपने बजट के हिसाब से कमरे बुक कर सकेंगे। वहीं खाने की बात करें तो मंदिर के पास कुछ शाकाहारी रेस्टोरेंट हैं। खाने में मुख्य रूप से पारंपरिक महाराष्ट्रीयन के साथ-साथ उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय व्यंजन भी शामिल हैं।

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दीपक पोखरिया author

पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मीडिया संस्थानों से मेरी करियर यात्रा गुजरी है और मई...और देखें

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