आस्‍था यात्रा: उत्‍तराखंड का पांचवां धाम जहां 21 रूपों में होते हैं बजरंग बली के दर्शन, इस नेशनल पार्क के है बेहद करीब

Aastha Yatra: हमारी ये ट्रैवल सीरीज आस्‍था और यात्रा के मेल पर आधारित है। इस कड़ी में पढ़ें उत्‍तराखंड के रामनगर स्थित पांचवें धाम की जानकारी। ये वो मंदिर है जहां हनुमान जी के दर्शन 21 रूपों में होते हैं। यह जगह एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क के पास पड़ती है जिससे आप एक कंप्‍लीट वेकेशन का मजा ले सकते हैं।

Ramnagar Hanuman Temple, Uttarakhand

Ramnagar Hanuman Temple, Uttarakhand

Aastha Yatra: उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता। यहां के कण-कण में प्राकृतिक खूबसूरती बसी है तो कोने कोने पर गहरी आस्था का वास भी नजर आता है। ये वो धरती है जो अलौलिक नजारों, पहाड़ों, नदियों, एडवेंचर के साथ आपकी यात्रा में भक्‍त‍ि रस भी भरती है। ट्रैवल की इस सीरीज में यहां जानें आप रामनगर के श्री हनुमान धाम की। यहां भगवान हनुमान के 21 रूपों के एक साथ दर्शन होते हैं।

कहां है पांचवां धाम

देवभूमि उत्‍तराखंड के रामनगर में है हनुमान जी का दिव्‍य मंद‍िर जो न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अद्वितीयता के लिए पहचाना जाता है। नैनीताल जिले के रामनगर के श्री हनुमान धाम मंद‍िर में बजरंग बली के 21 रूपों के एक साथ दर्शन होते हैं। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का अटूट केंद्र बन चुका है। तभी इसे पांचवां धाम भी कहा जाता है।

रामनगर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री हनुमान धाम को इच्छा पूर्ति तीर्थ धाम भी कहा जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान हनुमान के सामने अपनी मनोकामनाएं लिखित रूप में प्रस्तुत करते हैं। मंदिर को लेकर मान्‍यता है कि बजरंग बली सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।

श्री हनुमान धाम की विशेषता

रामनगर के इस मंदिर में भगवान हनुमान के 9 स्वरूप और 12 लीलाएं भव्य कलाकृतियों और शिल्प के ज़रिए दर्शायी गई हैं। ये लीलाएं भक्तों को हनुमान जी के जीवन, पराक्रम और भक्ति से जोड़ती हैं। मंदिर के स्थापत्य में आध्यात्मिकता के साथ-साथ कलात्मक सुंदरता का भी विशेष समावेश है। यहां बजरंग बली के विविध रूपों जैसे कि बाल रूप, रामभक्त रूप, संकटमोचक, वीर हनुमान, पंचमुखी हनुमान सहित अनेक रूपों को जीवंत रूप में देखा जा सकता है। इसी के साथ ही हर रूप की कथा और उसक संदेश को भी विस्तार से समझाया गया है।

धाम के संरक्षक आचार्य विजय ने बताय कि इस धाम की नींव सेवा और भक्ति के सिद्धांतों पर रखी गई है। दरअसल, यही दो लक्ष्य हनुमान जी के जीवन का भी सार रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनना नहीं है, बल्कि यह समाज को संस्कार और ऊर्जा देने का माध्यम भी है। तभी वहां जाने पर आप महसूस करेंगे कि मंदिर का हर हिस्सा इन आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है।

आत्मिक शांति का संदेश

मंदिर के एक अन्य सदस्य सतनाम सिंह बताते हैं कि इस धाम में केवल पूजा नहीं होती, बल्कि यहां आने वाला हर व्यक्ति खुद को आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भरा पाता है। उन्होंने कहा कि मंदिर में एक विशेष स्थान पर श्रद्धालु अपनी मन्नतें लिखकर रखते हैं और उनके अनुभव बताते हैं कि ये पूरी भी होती हैं। इसी मान्‍यता के आधार पर ही हर दिन यहां सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के करीब

रामनगर का यह मंदिर कॉर्बेट नेशनल पार्क के नजदीक है और यहां आने वाले देश-विदेश के तमाम पर्यटक भी इस अनोखे मंदिर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। हनुमान धाम का शांत वातावरण, मंत्रमुग्ध कर देने वाली मूर्तियां और भक्तिमय माहौल पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्ष‍ित करता है और उनके मन को सुकून देता है। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां आकर उन्हें विशेष मानसिक शांति और जीवन में एक नई शक्ति का अनुभव होता है।

कैसे पहुंचे श्री हनुमान धाम

अगर आप श्री हनुमान धाम जाना चाहते हैं तो रामनगर यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जबकि पंतनगर हवाई अड्डा भी धाम से ज्यादा दूर नहीं है। सड़क मार्ग से भी यहां अच्छी सुविधा है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

पर्यटन और आस्था का संगम

कॉर्बेट पार्क के पास स्थित होने के कारण यह मंदिर अब धार्मिक पर्यटन का भी बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। यहां न केवल उत्तराखंड बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।विदेशी पर्यटक भी इस मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से प्रभावित होकर बार-बार यहां लौटते हैं।

Input: PTI

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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