ATMs Network: अगले 12-18 महीने में इंस्टॉल किए जा सकते हैं 10 हजार ATM, बैंक इस चीज पर कर रहे हैं फोकस

ATM push: प्राइवेट सेक्टर के बैंक (पीवीबी) कैश डिस्पेंसर से कैश रिसाइक्लर की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि इससे जमा के लिए ब्रॉन्च में आने वाले ग्राहकों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी। एक एटीएम की लागत लगभग 3.5 लाख है जबकि एक कैश रिसाइक्लर की लागत लगभग 6 लाख रुपये है।

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ATM push: अगले 12-18 महीनों में बैंकों में एक बड़े एटीएम रिफ्रेश कम एडिशन सायकिल देखने को मिल सकता है। जिसमें लगभग 40,000 पुराने एटीएम को बदला जा सकता है और लगभग 10,000 तक नए एटीएम को नेटवर्क में शामिल करने की प्लानिंग है। बिजनेस लाइन ने इंडस्ट्री के अनुमान के अनुसार अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, सभी शेड्यूल्ड बैंकों ने सामूहिक रूप से FY23 में 4,452 एटीएम मशीम जोड़े थे। मार्च 2023 के अंत तक उनका नेटवर्क 2,19,513 था। व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों ने वित्त वर्ष 2023 में अपने एटीएम नेटवर्क को 4,292 एटीएम से बढ़ाकर मार्च 2023 के अंत में 35,791 किया था।

कैश रिसाइक्लर की लागत

रिपोर्ट के अनुसार, एक एटीएम की लागत लगभग 3.5 लाख है जबकि एक कैश रिसाइक्लर की लागत लगभग 6 लाख रुपये है। यह मानते हुए कि तैनात किए जाने वाले 50,000 एटीएम में से 25 फीसदी कैश रिसाइक्लर होंगे। इशके लिए बैंकों का कैपिटल एक्सपेंडिचर 2,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
भारत में बैंकिंग की ट्रेंड और प्रगति पर आरबीआई की नई रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 के दौरान, एटीएम (ऑनसाइट और ऑफसाइट) की कुल संख्या में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यह मुख्य रूप से व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या में इजाफे के कारण हुई है।
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