जानें किस पराठे पर लगता है 18 प्रतिशत की GST और रोटी को क्यों है छूट, तर्क हैं अजब-गजब

गुजरात अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग के एक आदेश में कहा गया है कि पैक्ड फ्रोजन पराठा 'रोटी या चपाती' नहीं है क्योंकि इसे खाने से पहले पकाने की आवश्यकता होती है। साथ ही गेहूं के आटे के प्रयोग के बाद भी इसमें अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है।

किस पराठे पर लगता है जीएसटी (फोटो- Pixabay)

इन दिनों पराठों पर जीएसटी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। राजनीतिक दल सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहे हैं और लोग भी इस मुद्दे पर सरकार से खफा दिख रहे हैं। इस विवाद में दिल्ली के सीएम केजरीवाल तक एंट्री मार चुके हैं और बीजेपी को कोस चुके हैं।

क्या है मामला

जीएसटी को मोदी सरकार ने बड़े उत्साह से और ऐतिहासिक बताकर लागू किया था, लेकिन तब से यह विवादों में रहा है। कभी ज्यादा दर को लेकर तो कभी जरूरी सामानों पर जीएसटी स्लैब को लेकर। अब गुजरात के अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएएआर) ने एक आदेश में कहा है कि पराठे बनाने में बेशक गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता हो लेकिन यह सामान्य रोटी की तरह नहीं है। यह पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (GST) वाले उत्पादों की श्रेणी में नहीं आता। इसपर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

क्या है तर्क

आदेश में कहा गया है कि पराठा बनाने में मिश्रित सब्जी, प्याज, मेथी, आलू, मूली, गेहूं के आटे के अलावा नमक, तेल, आलू, मटर, फूलगोभी, धनिया पाउडर, ब्रेड इम्प्रूवर और पानी जैसे तत्व शामिल होते हैं, जो इसे सादी रोटी से अलग बनाते हैं। इसलिए इसपर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा।

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