त्योहारी सीजन में घर खरीदना हो जाएगा सस्ता, ये सब्सिडी स्कीम्स दिलाएंगी कम ब्याज पर लोन

केंद्र सरकार ने घर खरीदने को लेकर कई योजनाएं शुरू की है, जिनके जरिए आपको सब्सिडी मिलती है। इन योजनाओं के जरिए घर खरीदना आसान हो जाता है। सरकार ने किफायती आवास के लिए निर्माणाधीन संपत्तियों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी और अन्य संपत्तियों के लिए 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।

Home, Home Loan, PMAY,

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इस त्योहारी सीजन में अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं। लेकिन आपके पास फंड की कमी है और होम लेने का मन रहे हैं, तो आप कुछ स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। केंद्र सरकार ने घर खरीदने को लेकर कई योजनाएं शुरू की है, जिनके जरिए आपको सब्सिडी मिलती है। इन योजनाओं के जरिए घर खरीदना आसान हो जाता है। भारत सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान होम लोन पर बचत करने में मदद के लिए कई योजनाएं और सब्सिडी शुरू की हैं।

प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY)

यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS), निम्न आय समूहों (LIG) और मध्यम आय समूहों (MIG) के व्यक्तियों के लिए होम लोन पर लगने वाले ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी राशि आय समूह के आधार पर अलग-अलग होती है। ये कर्ज की राशि का 6.5 फीसदी तक हो सकती है। 20 वर्षों की अवधि के लिए लिया गया 50 लाख रुपये से कम के होम लोन पर प्रस्तावित योजना का पात्र होगा।

क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS)

यह प्रधान मंत्री आवास योजना का एक कॉम्पोनेंट है और ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी के लिए होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी राशि ऋण राशि का 6.5 फीसदी तक हो सकती है और अधिकतम 20 वर्षों के लिए उपलब्ध है। कुछ राज्य सरकारें त्योहारी सीजन के दौरान स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क पर छूट की पेशकश करती हैं।

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST)

सरकार ने किफायती आवास के लिए निर्माणाधीन संपत्तियों पर जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी और अन्य संपत्तियों के लिए 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इस कटौती से संपत्ति की कुल लागत कम हो जाती है। इसलिए होम लोन को कम करने में मदद मिल सकती है।

शहरी आवास के लिए ब्याज सब्सिडी योजना

भारत सरकार अगले पांच वर्षों में छोटे शहरी आवास के लिए सब्सिडी वाले लोन प्रदान करने के लिए 600 अरब रुपये ($7.2 बिलियन) खर्च करने पर विचार कर रही है। यह योजना 0.9 मिलियन रुपये तक की ऋण राशि पर 3-6.5 फीसदी के बीच ब्याज पर सालाना सब्सिडी की पेशकश करेगी। इस योजना से शहरी क्षेत्रों में कम आय वाले समूहों में 25 लाख आवेदकों को लाभ मिल सकता है।
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