आधार कार्ड के साथ कभी न करें ये 7 खिलवाड़, वरना हो जाएगी जेल देना पड़ेगा 1 लाख जुर्माना

आधार कार्ड एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है। पहचान सुनिश्चित करने के साथ-साथ आधार कार्ड का इस्तेमाल एड्रेस प्रूफ के रूप में भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप आधार कार्ड के साथ खिलवाड़ करते हैं या फिर इसमें गलत जानकारी दर्ज करवाते हैं तो आपको 1 लाख तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, आपको जेल भी हो सकती है।

Aadhaar Card

आधार कार्ड के साथ कभी न करें ये 7 खिलवाड़

Aadhaar Card: आधार कार्ड एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण डाक्यूमेंट है। भारत में आधार कार्ड का इस्तेमाल पहचान पत्र के साथ-साथ एड्रेस प्रूफ के रूप में भी होता है। आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आप विभिन्न प्रकार की सरकारी सुविधाओं का फायदा भी उठा सकते हैं। केवल आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आप एक नागरिक के रूप में अपनी पहचान सुनिश्चित कर सकते हैं। लेकिन कई बार आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। आधार कार्ड फ्रॉड उस स्थिति में होता है जब किसी और व्यक्ति की इजाजत के बिना उसका आधार कार्ड इस्तेमाल किया जाता है। आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर आपकी निजी जानकारी के जरिये आपको वित्तीय या पर्सनल नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है। आधार एक्ट 2016 के तहत विभिन्न एजेंसियां आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए आपकी जानकारी को वेरीफाई कर सकती हैं। आधार एक्ट 2016 में ही आधार से संबंधित जुर्म के लिए सजा का प्रावधान भी है। आइये जानते हैं UIDAI के अनुसार आधार से संबंधित जुर्म क्या हैं और इनके लिए क्या सजा है।

गलत जानकारी: अगर आप आधार एनरोलमेंट के दौरान गलत जानकारी दर्ज करवाते हैं या फिर गलत बायोमेट्रिक प्रदान करवाते हैं तो यह जुर्म है। इस जुर्म के लिए आपको 3 साल तक की जेल हो सकती है या फिर 10,000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

किसी और के आधार में बदलाव: किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड में मौजूद जानकारी की बदलाव करना या फिर बदलाव करने की कोशिश करना भी जुर्म माना जाता है। ऐसा करने वाले को 3 साल की जेल हो सकती है और 10,000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

पहचान के बारे में जानना: अगर किसी और व्यक्ति की आधार संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए खुद को एजेंसी का प्रतिनिधि बताते हैं तो यह भी जुर्म है। ऐसा करने पर 3 साल की जेल हो सकती है या फिर 10,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। अगर कोई एक व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे 10,000 रुपये जबकि एक संस्था को ऐसा करने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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जानकारी का गलत इस्तेमाल: अगर जानबूझकर एनरोलमेंट के दौरान प्राप्त की गई जानकारी को किसी और व्यक्ति के सामने पेश किया जाता है तो यह भी जुर्म है। इसके लिए 3 साल की सजा और 10,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

अनाधिकृत तरीके से जानकारी प्राप्त करना: अगर अनाधिकृत तरीके से केंद्रीय पहचान डेटा रेपोजिटरी (CIDR) में प्रवेश करते हैं या फिर इसे हैक करते हैं तो इस जुर्म के लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है या फिर 10 साल की जेल भी हो सकती है। अगर CIDR में मौजूद जानकारी के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो इसके लिए 10 साल की जेल या फिर 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

किसी और की पहचान का गलत इस्तेमाल: अगर किसी और व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल कर वेरिफिकेशन करवाने की कोशिश करते हैं तो इसके लिए 3 साल की जेल या फिर 10,000 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

अन्य जुर्मों की सजा: ऐसे जुर्म जिनकी सजा का प्रावधान एक्ट में कहीं और नहीं किया गया है, उनके लिए आपको 25,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या फिर 3 साल की सजा भी हो सकती है।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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