सैनिकों को घर बनाने के लिए मिलेगी अग्रिम राशि, 7 लाख रुपये का मिलेगा कर्ज

Soldiers Get Loan to build houses: भारत की तीनों सेनाओं के जवानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार अब सैनिकों को घर बनाने या खरीदने के लिए अधिकतम 7 लाख रुपये तक की राशि कर्ज के रूप में प्रदान की जाएगी।

Soldiers Get Loan to build houses

तीनों सेनाओं के जवानों के लिए अच्छी खबर

Soldiers Get Loan to build houses: भारत की तीनों सेनाओं के जवानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार अब सैनिकों को घर बनाने या खरीदने के लिए अधिकतम 7 लाख रुपये तक की राशि कर्ज के रूप में प्रदान की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

इसके साथ ही जवानों को मौजूदा घर के विस्तार के लिए भी 6 लाख तक की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि उन्हें ब्याज सहित सरकार को किश्तों में लौटानी होगी, जिसका निर्धारण शेष सेवाकाल के आधार पर किया जाएगा।

चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में सेना के जवानों के लिए उगाए जाएंगे ताजा फल और सब्जियां

इस घोषणा से पहले पिछले हफ्ते चीन शासित तिब्बत से लगते हिमाचल प्रदेश के सीमाई इलाकों में अब सैनिकों को ताजा सब्जियां और फल मिलेंगे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इसके लिए सीमा पर बसे गांवों के लोगों को सब्जियां और फल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इन क्षेत्रों में सेब के फल उगाने से लेकर विभिन्न सब्जियों जैसे मूली, गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, ककड़ी आदि को पैदा किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में यह विदेशी सीमा किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों से लगती है। बताया जा रहा है कि इस योजना से दो लाभ होंगे।

जवानों सेहत रहेगी ठीक

एक तो जवानों की सेहत ठीक रहेगी और उन्हें डिब्बाबंद खाने से गुजारा नहीं करना होगा। दूसरा गांववासियों को भी इससे स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार मिलेगा। इस तरह के प्रयोग लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भी हो चुके हैं। लद्दाख की शुष्क भूमि में रहने वाले लोग साल भर ताजी सब्जियां उगाना शुरू कर चुके हैं। शुष्क क्षेत्रों के लिए तो कृषि विशेषज्ञों ने एक नया ग्रीनहाउस मॉडल विकसित किया है। विशेषज्ञों की एक टीम लद्दाख किसान जवान विज्ञान मेले में इससे संबंधित एक मॉडल प्रदर्शित कर चुकी है। इससे सशस्त्र बलों के लिए डिब्बाबंद भोजन खाने की आवश्यकता को समाप्त किया जा रहा है।

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