Akshaya Tritiya: खरीदने जा रहे हैं सोना, तो जान लीजिए कब कितना लगेगा टैक्स

Akshaya Tritiya: देश में शुक्रवार, 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के दिन सर्राफा मार्केट में जमकर भीड़ दिखती है। अगर आप भी अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड की खरीदारी करने जा रहे हैं, तो इसपर लगने वाले टैक्स के बारे में जरूरी बातें जान लीजिए।

Gold Buying Tips

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Akshaya Tritiya: भारत सबसे अधिक सोने की खपत वाले देशों में शुमार है। शादियों से लेकर त्योहारों को अवसर पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। देश में शुक्रवार, 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। इस दिन भी सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सर्राफा मार्केट में जमकर भीड़ दिखती है। अगर आप भी अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड की खरीदारी करने जा रहे हैं, तो इसपर लगने वाले टैक्स के बारे में जान लीजिए।

टैक्स की देनदारी

गोल्ड को कई प्रारूप में खरीदा जा सकता है। कुछ लोग सोने का सिक्का खरीदते हैं, कुछ लोग गहने और कुछ लोग डिजिटल गोल्ड की भी खरीदारी करते हैं। इन सभी पर एक तरह की टैक्स की देनदारी बनती है। लेकिन अगर आप अपने पास मौजूद सोने को बेचने जाते हैं, तो अलग-अलग प्रारूप के सोने पर अलग-अलग टैक्स की देनदारी बनती है।

खरीद-बिक्री पर टैक्स

आप किसी भी प्रारूप में सोने की खरीदारी करें, आपको तीन फीसदी जीएसटी शुल्क देना होता है। अगर आप सोने के सिक्के, बिस्किट या गहने की बिक्री तीन साल के बाद करते हैं, तो उसपर 20.8 फीसदी की दर से टैक्स की देनदारी बनेगी। तीन साल के भीतर अगर आप सोना बेचते हैं, तो इससे होना वाला मुनाफा आपकी इनकम में जोड़ा जाएगा और फिर उसपर टैक्स की देनदारी बनेगी। मतलब की सोने की कुल कीमत नहीं, सिर्फ मुनाफा टैक्स के दायरे में आएगा।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं, तो इसपर टैक्स के नियम अलग है। खरीदारी के तीन साल के भीतर अगर आप इसे सेंकेडरी मार्केट में बेचते हैं, तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के दायरे में आएगा और इसपर मैक्सिमम दर पर टैक्स लगाया जाएगा। वहीं, तीन साल के बाद बेचने पर खरीद प्राइस के बाद होने वाले मुनाफे पर 20 फीसदी का टैक्स लगेगा। अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को निर्धारित अवधि तक रखते हैं, तो किसी भी तरह की टैक्स की देनदारी नहीं बनेगी।

मैच्योरिटी की अवधि

बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी की अवधि आठ साल होती है। हालांकि, इसमें पांच साल बाद समय से पहले मैच्योरिटी का ऑप्शन मिलता है। इस बॉन्ड से अगर साल में 2.5 फीसदी की कमाई होती है, तो इनकम टैक्स धारा के अनुसार टैक्स लगता है।
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