बैंकों से जुड़ी इन टर्म्स के बारे में कितना जानते हैं आप? परेशानी से बचाएगी ये जानकारी
आपने अक्सर MICR कोड या फिर NEFT या बेस रेट जैसी बैंकों से संबंधित टर्म्स के बारे में तो जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आपको इन टर्म्स और इनके इस्तेमाल के बारे में पता है? बैंक टर्म्स के बारे में जानकारी पाकर न सिर्फ आप खुद को परेशानी से बचा सकते हैं, बल्कि जानकारी होने पर आप एक बेहतर कंज्यूमर भी बन सकते हैं।
ये हैं बैंक से संबंधित जरूरी टर्म्स
Important Banking Terms: पासबुक में एंट्री करवाते हुए, पैसे ट्रांसफर करते हुए या फिर किसी लोन संबंधित एप्लीकेशन को भरते हुए आपने MICR कोड, बेस रेट और NEFT जैसे शब्द जरूर सुने होंगे। इन्हें बैंकिंग टर्म्स कहा जाता है और आमतौर पर बैंकिंग से संबंधित किसी भी काम में इन टर्म्स की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। लेकिन क्या आपको इन टर्म्स की फुल फॉर्म या फिर इनके इस्तेमाल के बारे में पता है? ज्यादातर लोगों को बैंकिंग के क्षेत्र में रोजाना इस्तेमाल होने वाली इन टर्म्स के बारे में नहीं पता होता है। आइये बैंकिंग से जुड़ी इन जरूरी टर्म्स' के बारे में जानते हैं।
जानकारी है जरूरीबैंकिंग संबंधित इन टर्म्स की जानकारी होने से आप अन्य लोगों की मदद तो कर ही सकते हैं और साथ ही अगर आप बैंकिंग क्षेत्र में जॉब तलाश रहे हैं तो भी इन बैंकिंग टर्म्स की जानकारी आपके लिए जरूरी हो जाती है। इस जानकारी की बदौलत आप अपनी पासबुक और लेन-देन के बारे में और जानकार होते हैं और बेहतर कंज्यूमर भी बनते हैं। ये हैं बैंकिंग से जुड़ी जरूरी टर्म्स और उनकी परिभाषा:
NEFT: NEFT की फुल फॉर्म राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रान्सफर है। एक बैंक अकाउंट से किसी अन्य अकाउंट या फिर उसी ब्रांच में मौजूद अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर करने के लिए आप NEFT का इस्तेमाल कर सकते हैं और विभिन्न बैंकों द्वारा NEFT की सुविधा प्रदान करने के लिए अलग-अलग शुल्क भी लिए जाते हैं।
बेस रेट: अक्सर लोन लेते हुए आपने इस टर्म के बारे में सुना होगा लेकिन ज्यादातर लोग इस टर्म का मतलब नहीं जानते हैं। बेस रेट वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक आपको लोन दे सकता है। उदाहरण के लिए मान लीजिये कि कोई बैंक आपको 8% से लेकर 22% तक के इंटरेस्ट रेट पर लोन दे रहा है तो यहां 8% उस बैंक का बेस रेट कहलाएगा।
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कोलैटरल: अगर आप लोन ले रहे हैं और सिक्योरिटी के तौर पर बैंक आपसे कुछ भी ले रहा है तो इसे ही आपका कोलैटरल कहा जाएगा। उदाहरण के लिए गोल्ड लोन में आपसे गोल्ड और प्रॉपर्टी लोन में आपसे संपत्ति को सिक्योरिटी के रूप में जमा करने के लिए कहा जता है और यही आपका कोलैटरल होता है।
MICR कोड: यहां MICR का मतलब मैग्नेटिक इंक करैक्टर रिकग्निशन है। आपके द्वारा चेक जमा करने पर या फिर आपके बैंक से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इस कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
ECS चार्ज: अगर आपको अपनी बैंक अकाउंट स्टेटमेंट में कहीं भी ECS दिखाई देता है तो इसका मतलब इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस है। अगर आपने लोन या म्यूचुअल फंड लिया है तो हर महीने की एक तय तारीख पर आपके अकाउंट से कुछ पैसे कट जाते हैं और इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली टेक्नोलॉजी को ही ECS कहा जाता है।
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पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें
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