FD पर बैंकों का खेल, कर्ज किया महंगा लेकिन ब्याज देने पर दिखा रहे हैं कंजूसी
हाल ही में आरबीआई ने रेपो दर में 0.50 फीसदी की और वृद्धि करते कहा था कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति करीब छह फीसदी पर बनी रहेगी।
बैंकों ने बढ़ाई लोन की EMI, लेकिन ब्याज देने पर दिखा रहे हैं कंजूसी!
- केंद्रीय बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 5.9 फीसदी कर दिया।
- यह बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर आक्रामक दरों में वृद्धि के अनुरूप है।
- ब्याज दरों में बढ़ोतरी से होम लोन, कार लोन, आदि की दरें भी बढ़ेंगी।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद लोन ग्राहकों और एफडी निवेशकों के लिए बहुत कुछ बदल गया है। मई से अब तक आरबीआई रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि कर चुका है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो दिसंबर की एमपीसी बैठक में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में और बढ़ोतरी कर सकता है। आरबीआई के इस कदम के बाद बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने अपनी उधार दरों में वृद्धि की, जिससे ग्राहकों की मासिक किस्त यानी ईएमआई पहले की तुलना में बढ़ गई।
जी हां, मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए फ्लोटिंग ब्याज दर पर संबंधी सभी होम, कार, पर्सनल और एजुकेशन लोन महंगे (Loan EMI) हो गए हैं। अस्थिर मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए विकाशील और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में वृद्धि की है। लेकिन बात जब ब्याज देने की आती है, तो उसमें बैंक कंजूसी करते दिखाई ते रहे हैं। बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर (Fixed Deposit Interest Rate) बढ़ाई तो है, लेकिन यह लोन के अनुरूप कम है।
एसबीआई समेत इन बैंकों ने बढ़ाई ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही कई वित्तीय संस्थानों ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अपनी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। होम लोन कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने पिछले हफ्ते लोन पर ब्याज दर 0.50 फीसदी तक बढ़ा दी थी। ब्याज दर में वृद्धि से एचडीएफसी से होम लोन लेने वालों की मासिक किस्त बढ़ गई है। इस संदर्भ में एचडीएफसी ने एक बयान में कहा था कि एक अक्टूबर 2022 से होम लोन पर ब्याज दर 0.50 फीसदी तक बढ़ाया गया। इस वित्तीय संस्थान ने पिछले पांच महीने में ब्याज दरों में सातवीं बार वृद्धि की है।
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक, उसने बाहरी बेंचमार्क आधारित उधारी दर (EBLR) और रेपो संबद्ध उधार दर (RLLR) दोनों में 0.50 फीसदी की वृद्धि की है। अब यह क्रमश: 8.55 फीसदी और 8.15 फीसदी हो गई है। इनके साथ ही बैंक ऑफ इंडिया ने आरबीएलआर बढ़ाकर 8.75 फीसदी कर दिया है और आईसीआईसीआई बैंक की ईबीएलआर अब बढ़कर 9.60 फीसदी हो गई है।
मई में रेपो दर में वृद्धि के रुझान शुरू होने के बाद से, बैंकों ने जमा और उधार दरों में बढ़ोतरी का पैटर्न शुरू किया। आकर्षक ब्याज दरों के साथ एफडी आकर्षक हो गई हैं, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें, तो एफडी दरों में की गई बढ़ोतरी लोन की दरों की तुलना में कम हैं। आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख प्राइवेट बैंकों ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में वृद्धि की है।
(Source: SBI)
अगस्त में आरबीआई ने एमपीसी बैठक में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट के बात करें, तो इसकी दरों में मामूली इजाफा हुआ। अगस्त में एसबीआई ने सात दिन से 45 दिन और 46 दिन से 179 दिन और 211 दिन से 1 साल तक की एफडी पर ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं किया। वहीं 180 दिन से 210 दिन, एक साल से दो साल, दो साल से तीन सान, तीन साल से पांच साल और पांच साल से 10 साल की अवधि के लिए सिर्फ 0.15 फीसदी का ही इजाफा किया था।
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