इन 4 तरीकों से बैंक लोन पर वसूलते हैं एक्स्ट्रा चार्ज, वापस मिलेगा पैसा

भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कुछ मामलों में बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं के लोन वसूलने के गलत तरीकों की पहचान की है। RBI ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को आदेश दिया है कि वह अपने लोन पर लगाये जाने वाले चार्ज पर ध्यान दें। इस संबंध में RBI ने सूचना भी जारी की है।

इन 4 तरीकों से बैंक लोन पर वसूलते हैं एक्स्ट्रा चार्ज

Loan Charges: भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल में कुछ मामलों की जांच की। इस दौरान RBI ने पाया कि बैंक और गैर-बैंकीय वित्तीय संस्थाएं (NBFCs) अपने लोन पर गलत तरीके से ब्याज वसूल रहे हैं। इसे देखते हुए RBI ने बैंकों और NBFCs को आदेश दिया है कि वह दिए गए लोन पर लगने वाले चार्ज और ब्याज की अच्छे से जांच कर लें। इसी कड़ी में RBI ने 29 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में बैंक ने उन तरीकों के बारे में बताया है जिनका इस्तेमाल करके बैंक कस्टमर्स से एक्स्ट्रा चार्ज वसूलते हैं। इतना ही नहीं, RBI ने सभी वित्तीय संस्थाओं को आदेश दिया है कि वह कस्टमर्स से वसूले गए एक्स्ट्रा चार्ज और ब्याज को वापस कर दें।

बैंकों ने इस तरह वसूला एक्स्ट्रा चार्ज

  • कुछ मामलों में RBI ने पाया कि बैंक या वितीय संस्थान लोन अग्रीमेंट की तारिख से ही ब्याज लगाना शुरू कर देते हैं। जबकि कस्टमर के अकाउंट में लोन के पैसे पहुंच जाने की तारिख से ब्याज लगाया जाना चाहिए।
  • इसी तरह अगर लोन चेक से दिया जा रहा है तो चेक जारी किये जाने की तारिख से ही ब्याज लगाया जा रहा है। जबकि कई दिनों के बाद कस्टमर को चेक मिला है। यह भी गलत है। कस्टमर को चेक प्राप्त होने की तारिख से ही ब्याज लगना चाहिए।
  • RBI ने यह भी पाया कि कुछ मामलों में एक महीने में ब्याज वसूलने के दौरान कुछ वित्तीय संस्थाओं ने पूरे महीने के लिए ब्याज वसूला है। जबकि ब्याज केवल उतने समय के लिए ही वसूला जाना चाहिए जितने समय के लिए लोन बकाया है।
  • कुछ मामलों में RBI को यह भी देखने को मिला कि बैंक या वित्तीय संस्थाएं एडवांस में एक या ज्यादा इनस्टॉलमेंट वसूल रहे हैं लेकिन ब्याज लोन की पूरी रकम पर लगा रहे हैं।
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