आप भी करते हैं पहले खरीदो, बाद में चुकाओ स्कीम का यूज? अमेरिका के लोगों की तरह मत करना ये गलती
Buy Now Pay Later: कंज्यूमर फाइनेंशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में 5 बाय नाउ, पे लेटर कंपनियों ने 18 करोड़ लोगों को करीब 2 लाख करोड़ का कर्ज दिया।
कर्ज में डूब गए हैं अमेरिका के युवा! आप भूलकर भी ना करना ये गलती
- बाय नाउ, पे लेटर को छोटी अवधि का लोन भी कहा जाता है।
- क्रेडिट कार्ड के मुकाबले BNPL का अप्रूवल आसान माना जाता है।
- भारत का BNPL मार्केट लगातार बढ़ रहा है।
नई दिल्ली। ना सिर्फ भारत में, बल्कि कई देशों में कैश पेमेंट के बजाय अब क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या बाय नाउ, पे लेटर (Buy Now Pay Later) सुविधा के जरिए लेनदेन का क्रेज है। त्योहारी सीजन में तो लोग इस सुविधा का और भी फायदा उठाते हैं। लोग कैश के जरिए पेमेंट करने के बजाय बाय नाउ, पे लेटर को ज्यादा फायदेमंद मानते हैं। लेकिन अमेरिका की एक रिपोर्ट से सामने आए फैक्ट्स से आप चौंक जाएंगे। अगर आप भी बाय नाउ, पे लेटर का लाभ उठाते हैं, तो फेडरल रिजर्व की ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लें और अगली बाद इसका फायदा उठाने से पहले सोच लें।
कर्ज में डूबे युवा
अमेरिका में बाय नाउ, पे लेटर (BNPL) स्कीम की वजह से युवा लोन में डूब रहे हैं। इससे उनका वित्तीय बोझ तो बढ़ ही रहा है, लेकिन साथ ही उनका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) भी खराब हो रहा है। फेडरल रिजर्व की एक रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2021 में 18 से 29 साल की उम्र के 18 फीसदी कंज्यूमर्स कर्ज नहीं चुका पाए हैं। वहीं कम से कम 11 फीसदी लोगों ने एक किस्त का देर से भुगतान किया है।
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इस बात का रखें खास ध्यान
अगर आप भी अपने ऊपर आर्थिक बोझ नहीं डालना चाहते हैं तो सावधानी से बाय नाउ, पे लेटर का लाभ उठाना चाहिए। दरअसल कोरोना वायरस महामारी के बाद से छोटा लोन देने वाली कंपनियां काफी तेजी से बढ़ी हैं। आकर्षक और आसान शर्तों पर ब्याज मुक्त कर्ज के लालच में लोग अपनी सैलरी से भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं और परिणामस्वरूप उनका सिबिल स्कोर बिगड़ रहा है।
सैलरी से ज्यादा खर्च कर रहे हैं युवा
एक रिपोर्ट से पता चला है कि लोग लालच में आकर अपनी सैलरी से भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं। यही कारण है कि बाद में वे कर्ज नहीं चुका पाते हैं। शिकागो में रहने वाली 18 साल की सारा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब उन्होंने घर के लिए कई सामान खरीदना शुरू कर दिया। सारा ने स्कीम के तहत सामान खरीदना शुरू तो कर दिया, लेकिन इसकी वजह से उनका सब कुछ बर्बाद भी हो गया। सारा ने बैलूनिंग बैलेंस कंपनी से करीब 4 लाख का लोन लिया। उन्होंने इसे दो महीने में 3 किस्तों में चुकाना था। बाद में कंपनी ने उस पर मेडिकल कॉस्ट जोड़ दिया और राशि कई ज्यादा बढ़ गई। फिर उन्हों फाइनेंशियल एडवाइजर की ओर से अकाउंट बंद करने की सलाह दी गई, लेकिन तब तक उनका क्रेडिट स्कोर 720 से गिरकर 580 पर आ गया था। इसकी वजह से वे दो साल तक अपना घर खरीदने का सपना पूरा नहीं कर पाईं।
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