Bharat Brand Chana Dal: भारत ब्रॉन्ड चना दाल को खूब पसंद कर रहे ग्राहक, चार महीने में ही बनाया बड़ा रिकॉर्ड

Bharat Brand Chana Dal: उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि किफायती होने के कारण इस दाल को उपभोक्ता काफी पसंद कर रहे हैं। बाजार में उतारे जाने के बाद से लगभग 2.28 लाख टन भारत ब्रॉन्ड चना दाल बेची जा चुकी है।

bharat Brand Daal

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Bharat Brand Chana Dal: भारत ब्रॉन्ड के तहत खुदरा बाजार में बेची जा रही चना दाल घरेलू ग्राहकों के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रॉन्ड बनकर उभरी है। इसने बाजार में उतारे जाने के चार महीनों में ही एक-चौथाई बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि किफायती होने के कारण इस दाल को उपभोक्ता काफी पसंद कर रहे हैं। अक्टूबर में जारी की गई भारत-ब्रॉन्ड ‘चना दाल’ की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है। जबकि अन्य ब्रॉन्ड की दाल लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम है।

महीने में कितनी खपत

रोहित कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ग्राहकों की प्रतिक्रिया इतनी अच्छी रही है कि देश में परिवारों के बीच सभी ब्रॉन्ड वाली चना दाल की 1.8 लाख टन मासिक खपत में से एक-चौथाई ‘भारत’ ब्रॉन्ड वाली चना दाल है। उन्होंने कहा कि बाजार में उतारे जाने के बाद से लगभग 2.28 लाख टन भारत ब्रॉन्ड चना दाल बेची जा चुकी है। शुरुआत में इसकी बिक्री 100 खुदरा केंद्रों के जरिये की गई और अब 21 राज्यों के 139 शहरों में मौजूद 13,000 केंद्रों से इसकी बिक्री की जा रही है।

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इस कदम से दालों की महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलने का दावा करते हुए कहा कि दालों की कीमतें एक समूह के रूप में व्यवहार करती हैं। चने की कीमतों को नीचे लाने के लिए बफर स्टॉक का उपयोग करने से अन्य दालों की कीमतों पर भी इसका पार्श्व प्रभाव पड़ता है।

बफर स्टॉक बना रही है सरकार

सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से चने सहित विभिन्न प्रकार की दालों का बफर स्टॉक बनाकर रख रही है। फिलहाल 15 लाख टन चना सरकारी बफर स्टॉक में है। सरकार नेफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार और पांच राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से भारत ब्रांड के तहत चना दाल की खुदरा बिक्री कर रही है।

सचिव ने बताया कि इन एजेंसियों को बफर स्टॉक से कच्चा चना 47.83 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर इस शर्त के साथ दिया जा रहा है कि उसकी खुदरा कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम से कम नहीं होनी चाहिए।

एजेंसियां सरकार से कच्चा चना खरीदती हैं, उसकी मिलिंग करती हैं और भारत ब्रांड के तहत खुदरा बिक्री करने से पहले उसकी पॉलिश करती हैं। सरकार भारत ब्रांड के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) का गेहूं का आटा भी बेच रही है। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए वह भारत ब्रॉन्ड के तहत एफसीआई चावल की बिक्री पर भी विचार कर रही है।

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